Varun Gandhi in Pilibhit: अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे संसद वरुण गांधी ने संविदा कर्मचारियों से जमीन पर बैठ कर उनकी समस्याएं सुनी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं यहां कोई मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को ज्ञापन देने नही आया हूं. मैं राष्ट्र की राजनिति करने आया हूं, इसलिए आप लोगों की आवाज को उठाऊंगा और लखनऊ तक आपके साथ खड़ा रहूंगा. साथ ही अन्य विधायक और सांसद को पत्र लिख आपके साथ आने के लिए कहूंगा वरना उनको वोट लेने का कोई अधिकार नहीं है.

 

इस मौके पर वरुण गांधी ने कहा कि आज मेरे सामने पूरा देश बैठा है. मेरे सामने यहां ना कोई हिंदू है ना कोई मुसलमान, ना कोई अगड़ा ना कोई पिछड़ा. यहां पर धोखा देकर हम हिंदुस्तान को कमजोर कर रहे हैं. मैं यहां पर आपकी बात केवल संसद में उठाने के लिए नहीं आया हूं. ना ही मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को ज्ञापन देने आया हूं, वह भी मैं कर लूंगा लेकिन मैं यहां पर आपको यह कहने आया हूं कि आपने इस आंदोलन में मैं आपके साथ हूं.

 

गांधी जयंती पर गोडसे जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को फांसी देनी चाहिए: वरुण गांधी

 

इस दौरान वरुण गांधी ने कहा कि गांधी जयंती पर गोडसे जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को फांसी देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अब जय हिन्द बोलने का समय आ गया है. भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे, जिन्होंने लोगों को जोड़ने का काम किया. महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर दो अक्टूबर को लोग सोशल मीडिया पर गोडसे जिंदाबाद ट्रेंड करा रहे थे तो सबसे पहले मैंने लिखा कि मुझे शर्म आती है कि मैं एक ऐसे देश मे रह रहा हूं, जिसमें एक सन्त के जन्मदिवस पर गोडसे जिंदाबाद ट्रेंड कर रहा था. मैंने कहा जो महात्मा गांधी के हत्यारे की जय बोलते हैं उनको फंसी लगनी चाहिए. वरुण गांधी ने कहा कि हम लोगों को एक हिंदुस्तान करना है. मुझे परवाह नहीं है कि सरकार किसकी है. मैं आपके साथ हूं और हम अपनी ताकत दिख कर अपना हक लेंगे.

 

वरुण गांधी ने अपनी ही पार्टी पर जमकर बोला हमला 

 

वरुण गांधी इस दौरान अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते दिखे. उन्होंने कहा कि मैंने किसानों के लिए आवाज उठाई, बैंकों के निजीकरण के खिलाफ आवाज उठाई. इससे 12 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे. वरुण गांधी ने कहा कि मैंने टीईटी के पेपर लीक होने पर भी आवाज उठाई और मैं अकेला आदमी था जिस ने आवाज उठाई कि अब तक 17 परीक्षा के पेपर लीक हुए हैं. इसका कौन जवाब देगा. परीक्षा को लेकर बच्चों के कम से कम 15 से 20 हजार रुपए खर्चा होते हैं. खर्चे की बात छोड़ भी दें तो उनके भविष्य का क्या होगा. वह माफिया कौन है जो यह सब पेपर लीक करा रहा है. उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम लोगों को केवल अब देश की बारे में सोचना है कि आगे राष्ट्र का क्या होगा?

 

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