UP MSME News: यूपी सरकार प्रदेश के सभी जिलों में एमएसएमई बनाने जा रही है, सरकार छोटी और बड़ी दोनों इकाइयों को बढ़ावा देगी. वहीं लंबे समय से बंद पड़ी कताई मिलों की जमीनों पर क्लस्टर विकसित कर उसे छोटी इकाइयों को देगी. सरकार जमीनों के विकास पर करीब 190 करोड रुपए खर्च करेगी और इस पर कम से कम से कम 10,000 नई इकाइयों का क्लस्टर तैयार करेगी.
एमएसएमई विभाग ने तय किया है कि बंद पड़ी सभी कताई मिलों की जमीनों पर क्लस्टर बनाकर उसे छोटी इकाइयों को देगी, जिसमें न्यूनतम 500 मीटर से लेकर अधिकतम 4000 वर्ग मीटर तक का प्लाट आवंटित किया जाएगा. इस बाबत बाराबंकी ,मऊ ,रायबरेली, अलीगढ़, महोबा, प्रतापगढ़, प्रयागराज समेत कई जिलों में काम शुरू हो गया है और अगले 4 से 5 महीने में जमीने आवंटित कर उद्यमियों को डीएम सर्किल रेट पर दी जाएंगी. इसके साथी कब्जे वाली जमीनों को भी एमएसएमई विभाग खाली करा कर उसे विकसित कर स्थानीय छोटे उद्योगों को आवंटित करेगा.
एमएसएमई पार्क बसाने का प्रस्ताव हुआ फाइनल
जानकारी के मुताबिक ग्राम समाज की कब्जे वाली जमीनों को खाली करा कर उसे विकसित कर उद्यमियों को देने की मंजूरी मिल गई है. रायबरेली और फतेहपुर में करीब डेढ़ सौ बीघा ग्राम समाज की जमीन पर एमएसएमई पार्क बसाने का प्रस्ताव फाइनल हुआ है. इसी तरीके से अलीगढ़ में एमएसएमई पार्क बसाई जा रहा है.यह जमीन वोकल फॉर लोकल के तहत पहले स्थानीय उद्यमियों को आवंटित की जाएगी. वहीं फिरोजाबाद और टूंडला में भी ग्राम समाज की जमीन को लैंड पार्क के तौर पर विकसित किया जाएगा. इस काम को करने के लिए प्रदेश के सभी जिला उद्योग अधिकारियों को लगाया गया है.
रोजगार के क्षेत्र में काम हुआ शुरू?
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की मानें तो इस दिशा में काम शुरू हो गया है, और अगले 5 से 6 महीने में अधिकतर जिलों में एमएसएमई पार्क विकसित कर छोटे उद्यमियों को दे दिया जाएगा. इसके तहत हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और करीब 10000 नई छोटी इकाइयां लगेंगी.
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