कोरोना इफेक्ट: यूपी के मथुरा में इस साल नहीं होगा मुड़िया पूनों मेले का आयोजन, परिक्रमा पर लगी है रोक
कोरोना काल में लोगों के स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए धार्मिक आयोजनों को स्थगित किया जा रहा है. कांवड़ यात्रा के बाद अब मथुरा में मुड़िया पूनों मेले के आयोजन को स्थगित कर दिया गया है. परिक्रमा पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
मथुरा, एजेंसी. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में आषाढ़ पूर्णिमा के मौके पर हर साल आयोजित किए जाने वाले 'मुड़िया पूनों' मेले का आयोजन इस बार नहीं किया जाएगा. यह जानकारी जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बुधवार को एक बैठक के बाद दी. उन्होंने बताया कि गोवर्धन और उसके आसपास के गांव-कस्बों में इस समय भी बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले आ रहे हैं और कई जगहों को हॉट-स्पाट घोषित कर सील किया गया है ऐसे में मेले का आयोजन संभव नहीं है.
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया कि जिन राज्यों (हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड) से अधिकतर श्रद्धालु गोवर्धन की परिक्रमा लगाने आते हैं, वहां भी कोरोना संक्रमण के ज्यादा मामले हैं. ऐसे समय में संक्रमण की रोकथाम करते हुए किसी भी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना संभव नहीं है. इसलिए, जनहित और स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष मुड़िया पूर्णिमा मेले का आयोजन स्थगित किया जा रहा है. जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि इस बीच गोवर्धन में गिरिराज महाराज की सात कोसीय परिक्रमा लगाने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा रहा है. इस दौरान कोई भी चलकर या फिर लेट कर परिक्रमा नहीं लगा सकेगा.
गौरतलब है कि, मुड़िया पूर्णिमा मेले का आयोजन इस बार 1 से 5 जुलाई तक होना था. मुड़िया पूनों मेले का इतिहास 500 वर्ष पुराना है, इस दिन लोग गिरराज जी की परिक्रमा करते हैं. कहा जाता है कि 500 साल पहले संतो ने अपने गुरू श्री पाद सनातन गोस्वामी की याद में अपना सिर मुंडन कराकर 5 दिन की शोभायात्रा निकाली थी. उसके बाद से आज तक यह मनाया जा रहा है.
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