'मुल्क में अफरा-तफरी का माहौल...', PM मोदी के UCC वाले बयान पर मौलाना कासमी की दो टूक
Uniform Civil Code: पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि सेकुलर सिविल कोड को लेकर बयान दिया. इसे लेकर अब मुफ्ती असद कासमी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
Mufti Asad Qasmi On UCC: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए सेकुलर सिविल कोड को सरकार का स्टैंड साफ कर दिया है. उन्होंने अपने संबोधन में ये साफ कर दिया कि अब सरकार समान नागरिक संहिता की दिशा में कदम बढ़ाएगी. पीएम मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को समय की मांग बताया. अब इसको लेकर मुफ्ती असद कासमी ने प्रतिक्रिया दी है.
इत्तेहाद उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो हमारे मुल्क के पीएम हैं. उनका जो बयान आया है इसमें मैं सिर्फ यह कह देना चाहता हूं कि कोई भी सुझाव हो या कोई भी कानून हो वह ऐसी बात होनी चाहिए, जिससे मुल्क के अंदर रहने वाले लोगों का भला हो और मुल्क के अंदर कोई अफरा तफरी का माहौल न हो.
पीएम मोदी के बयान पर मुफ्ती असद कासमी ने दी सलाह
इत्तेहाद उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमाम जाति और मजहब के लोगों के प्रधानमंत्री हैं. यदि इस तरीके का कोई भी व्यक्ति कानून पसंद नहीं करता है तो प्रधानमंत्री को चाहिए कि इस तरह के कानून न लागू करने पर जोर दें.
यूसीसी पर पीएम मोदी के बयान को लेकर मुफ्ती असद कासमी ने पलटवार किया. उन्होंने यूसीसी लागू न होने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने यूसीसी का विरोध भी किया. उन्होंने साफ कर दिया कि कानून ऐसा होना चाहिए, जिससे मुल्क के अंदर अमन और चैन हो न कि देश के अंदर अफरा तफरी का माहौल पैदा हो.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या कहा?
पीएम मोदी ने लाल किला के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. कोर्ट की तरफ से कई बार आदेश दिए गए हैं. देश का एक बड़ा वर्ग मानता है कि सिविल कोड सांप्रदायिक है. इस बात में सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वो एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है. ये भेदभाव करने वाला सिविल कोड है. आज हम संविधान के 75 वर्ष जब मनाने जा रहे हैं तो इसकी भावना और देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें यही कहती है."
(सहानरपुर से मुकेश गुप्ता की रिपोर्ट)
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