Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज में महाकुंभ की धरती पर एक अनोखा चुनाव देखने को मिला. मुगलकालीन अखाड़े में 12 साल बाद चुनाव हुआ. इसके लिए साधु संतों ने विचार विमर्श किया. समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार गलकालीन संस्था, श्री दिगंबर अणी अखाड़े ने प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होने से एक दिन पहले अपने चुनाव कराए.
रविवार देर रात छह प्रमुख पदाधिकारियों के चुनाव से पहले संतों ने गहन विचार-विमर्श किया. दिगंबर अणी अखाड़े के संत महंत वैष्णव दास ने कहा 'यह चुनाव 12 साल बाद हो रहा है, पहले यह चुनाव तभी होता था जब कोई पद खाली होता था. महंत का पद खाली हो गया था, इसलिए सभी पदों के लिए चुनाव हुए.'
महाकुंभ में स्पेनिश, जर्मन, रशियन और फ्रेंच में गूंजे 'जय श्रीराम' और 'हर-हर गंगे' के जयकारे
13 जनवरी को हुआ पहला स्नान
उधर, पौष पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ-2025 के प्रारंभ होने और पहले स्नान के अवसर पर ही पूरी दुनिया से महाकुंभ नगर स्थित मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिली. ये श्रद्धालु उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तैयारियों से बेहद संतुष्ट दिखे और महाकुंभ पर्व को लेकर की गई सुव्यवस्थित व्यवस्था को देखकर मुक्त कंठ से डबल इंजन की सरकार की तारीफ करते दिखे.
स्नान के दो दिन पूर्व ही लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने स्नान किया और पहले दिन श्रद्धालुओं का अपार उत्साह-उमंग दर्शाता है कि आगे आने वाले 45 दिनों में महाकुंभ-2025 में उत्तर प्रदेश सरकार के अनुमान से भी ज्यादा भक्तों की भीड़ उमड़ सकती है.पौष पूर्णिमा के अवसर पर कल्पवासी संगम में स्नान कर कल्पवास के कठिन नियमों का महाकुंभ अवधि के दौरान पालन करते हुए पुण्य प्राप्ति, सद्गति, मोक्ष प्राप्ति और सकल विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं. स्वयं व अपने परिजनों के कल्याण के साथ ही सकल विश्व के कल्याण के लिए भी कल्पवासी प्रार्थना करते हैं.
महाकुंभ के प्रारंभ होने के साथ ही सोमवार होने के कारण महादेव की उपासना के विशेष संयोग ने इस क्षण को और भी दुर्लभ बना दिया और महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी घाटों पर श्रद्धालु महादेव की उपासना में पवित्र जलधारा में डुबकी लगाकर संकल्प लेते दिखे. हर-हर महादेव, जय श्रीराम और जय बजरंग बली के नारों से रह-रहकर संगम नोज समेत सभी घाट दिनभर गुंजायमान होते रहे. वहीं, साधारण गृहस्थ श्रद्धालुओं में भी स्नान को लेकर अपार उत्साह देखने को मिला. पहले ही दिन प्रयागराज व आसपास के इलाकों समेत बिहार, हरियाणा, बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश जैसे प्रांतों की भारी भीड़ संगम समेत तीर्थराज प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर देखने को मिली.संगम घाट पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता देखने को मिला.