UP Electon 2022: खेत में उतारा गया मुकेश सहनी का हेलीकॉप्टर, प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार, संजय निषाद पर भी बरसे
Mukesh Sahani in Ghazipur: वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी मंगलवार को गाजीपुर पहुंचे जहां उनका हेलीकॉप्टर एक खेत में उतारा गया. जो मानकों पर खरा नहीं था जिसे लेकर सहनी ने प्रशासन पर सवाल उठाए.
Mukesh Sahani Ghazipur Rally: यूपी विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रहे विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) मंगलवार को गाजीपुर (Ghazipur) जनपद की जंगीपुरा विधानसभा (Jangipura Seat) क्षेत्र में पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी पार्टी के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया. मुकेश सहनी यहां पर हेलीकॉप्टर से आए थे. जहां उनके लिए एक खेत के अंदर हेलीपैड बनाया गया था. लेकिन ये हेलीपैड कहीं से भी मानकों को पूरा नहीं कर रहा था. जिसे लेकर सहनी ने प्रशासन को घेरा और निषाद पार्टी को भी आड़े हाथों लिया.
निषाद पार्टी पर हमला
मुकेश सहनी ने इस जनसभा के दौरान एक बार फिर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद पर निशाना साधा और उन पर निषाद समाज के साथ धोखा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ सत्ता के लिए अपने बेटे को सांसद और खुद को एमएलसी बना लिया है लेकिन समाज को लेकर उन्होंने कोई काम नहीं किया और न ही आरक्षण के साथ तमाम मुद्दों पर सरकार से लड़ाई की है. उन्होंने उनकी ये लड़ाई जारी रहेगी. मुकेश सहनी ने यहां अपनी पार्टी के प्रत्याशी मनीष चौधरी के लिए वोट भी मांगे.
हेलीपैड को लेकर प्रशासन पर सवाल
मुकेश सहनी जब जंगीपुरा विधानसभा पहुंचे तो उनके लिए जो हेलीपैड तैयार किया गया वो मानकों पर कहीं से भी खरा नहीं उतर रहा था. इस हेलीपैड को खेत में लगी फसल काटकर और मिट्टी पर ही व्हाइट सीमेंट से एच (H) निशान बनाकर कर तैयार कर दिया गया था. जब इस बारे में बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी से बात की गई तो इसे लेकर जिला प्रशासन पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि प्रशासन को ये देखना चाहिए कि क्या व्यवस्था है. हम तो अपने लोगों के बीच में आए हैं चाहे उसके लिए जान भी देनी पड़े तो कोई बात नहीं.
वहीं इस बारे में जब जंगीपुरा से वीआईपी के प्रत्याशी मनीष चौधरी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हेलीपैड बनवाने की जिम्मेदारी उनकी थी लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा परमिशन देने में लेट किया गया जिसकी वजह से मजबूरी में इस तरह का हेलीपैड बनाया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि हेलीकॉप्टर उतरते समय कोई दुर्घटना हो जाती तो इसके लिए ये नेता जिम्मेदार होते या जिला प्रशासन जिन्होंने हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति तो दे दी लेकिन ये जानने की कोशिश नहीं कि कि हेलीकॉप्टर यहां पर कैसे उतरेगा.
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