Uttar Pradesh Assembly election 2022: यूपी चुनाव में एंट्री मारकर कइयों की टेंशन बढ़ाने वाले विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर निषाद समुदाय को आरक्षण की बात कही. उन्होंने कहा कि दिल्ली से ही निषादों को आरक्षण मिल सकता है और दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है. 


इस दौरान मुकेश सहनी ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि संजय निषाद सही राजनीति करते तो मैं उनका साथ देता. वहीं, दूसरी तरफ संजय निषाद ने मुकेश सहनी के निषादों को आरक्षण देने वाली बात पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आरक्षण की बात के साथ क्यों पार्टी लॉन्च की. दावा है कि यूपी में 150 सीटों पर निषाद समुदाय सीधे असर डालता है.


यूपी में 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है


बता दें कि यूपी में 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है. इस चुनाव में निषादों को साधने के लिए मुकेश सहनी यूपी पहुंचे हैं. निषाद, केवट, मल्लाह और कश्यप के नाम से जानी जाने वाली जाति मूल रूप में मछली पालन और नाव चलाने का काम करती है. यूपी में निषादों की आबादी को लेकर कई तरह के दावे हैं. कोई 14 फ़ीसदी निषाद और उसकी उप जातियों कर होने का दावा करता है तो कोई 5-6 प्रतिशत ही आबादी बताता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में निषादों की आबादी अच्छी खासी स्नाख्या में है. ऐसे में गोरखपुर में निषादों की राजनीति करने वाले संजय निषाद को चुनौती देने का काम मुकेश सहनी करते दिखाई दे सकते हैं.


लखनऊ में गोमती नगर के विपुल खण्ड में मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी का उद्घाटन किया. उनका दावा है कि निषादों के वोट से 150 सीटों पर सीधा असर पड़ता है. मुकेश साहनी यूपी में क्या कर पाएंगे यह तो समय बताएगा लेकिन ये जरूर है कि उनके आने से सबसे ज्यादा 'मिर्ची' निषाद पार्टी के डॉक्टर संजय निषाद को लगी है. संजय निषाद कहीं ना कहीं वीआईपी पार्टी को यूपी में लाने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार मान रहे हैं. असली लड़ाई 25 जुलाई को देखने को मिलेगी जब फूलन देवी की पुण्यतिथि के मौके पर दोनों ही निषाद नेता अपनी जाति के लोगों को साधने की अपने अपने तरीके से कोशिश करेंगे.


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