Mukhtar Ansari Ambulance Case: कोर्ट में हुई अंसारी की पहली पेशी, 28 जून को होगी अगली सुनवाई
Mukhtar Ansari Ambulance Case में बाराबंकी की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पहली पेशी हुई. सुनवाई के दौरान अंसारी ने कहा कि वो पिछले 16 वर्षों से जेल में हैं और उन्हें कहीं आना-जाना होता तो कोई लग्जरी बुलेट प्रूफ गाड़ी का इस्तेमाल करते, ना कि एंबुलेंस का.
बाराबंकी: मऊ से बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की फर्जी कागजात के आधार पर पंजीकृत एंबुलेंस के इस्तेमाल के मामले में सोमवार को बाराबंकी की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पहली पेशी हुई. अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि बसपा विधायक को अदालत में वर्चुअल माध्यम से पेश किया गया. सुनवाई के दौरान अंसारी ने कहा कि वो पिछले 16 वर्षों से जेल में हैं और उन्हें कहीं आना-जाना होता तो कोई लग्जरी बुलेट प्रूफ गाड़ी का इस्तेमाल करते, ना कि एंबुलेंस का. इस मामले में किसी के फर्जी बयान के आधार पर उन्हें आरोपी नहीं बनाया जा सकता है.
पुलिस परेशान कर रही है
रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि अंसारी ने अदालत से कहा कि वो कभी बाराबंकी नहीं आए हैं और मामले की सह आरोपी अलका राय के बयान मात्र के आधार पर ही उनपर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में पुलिस उन्हें अनावश्यक परेशान कर रही है. सुमन ने बताया कि अदालत ने अंसारी को इस मामले में 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया है. हालांकि, वो बांदा जेल में ही रहेंगे. मामले की अगली सुनवाई अब 28 जून को होगी.
बाराबंकी में दर्ज किया गया मुकदमा
गौरतलब है कि, जबरन वसूली के एक मामले में बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को गत 31 मार्च को पंजाब के मोहाली स्थित अदालत में पेश किया गया था. अंसारी को जिस एंबुलेंस से लाया गया था, उसपर बाराबंकी की नंबर प्लेट लगी थी. जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका अलका राय और उनके कुछ सहयोगियों ने इस एंबुलेंस का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण कराया है. इसके बाद बाराबंकी की नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें अंसारी को साजिश और जालसाजी का आरोपी बनाया गया था.
तैयार किए गए थे फर्जी दस्तावेज
बाराबंकी पुलिस का कहना है कि डॉक्टर अलका राय, उनके सहयोगी डॉक्टर शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद, राजनाथ यादव और अन्य ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत एंबुलेंस के पंजीकरण के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे.
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