Mukhtar Ansari Ambulance Case: यूपी की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मुख्तार अंसारी को चर्चित फर्जी एंबुलेंस मामले में कोर्ट से राहत नहीं मिली है. इस मामले में मुख्तार पर आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के साथ गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हैं. मुख्तार अंसारी की ओर से वकील रणधीर सुमन ने जिला सत्र न्यायाधीश में रिवीजन पत्र डाला, जिसपर सोमवार को दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनी गई. इस मामले में आज 27 जून को फिर दोपहर 3 बजे सुनवाई होगी. 


एंबुलेंस मामले में आरोप तय होने पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला की कोर्ट में बहस, धारा 420, 419, 467, 471 एंबुलेंस प्रकरण के रिवीजन पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला की कोर्ट में बहस हुई. इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत 8 लोग आरोपी हैं. इनमें सुहैब मुजाहिद, अली मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद, सुरेंद्र शर्मा, राजनाथ यादव, अफरोज खां उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, फिरोज कुरैशी के नामों पर अभियोजन पक्ष से बहस हुई थी. 


अभियोजन ने अदालत में रखी दलील कि ये एंबुलेंस विधायक निधि से खरीदी गई है, इसके साथ ही अभियोजन ने ये भी कहा कि विधायक निधि से एंबुलेंस खरीदी नहीं जा सकती है इसलिए इसे खरीदा नहीं गया. सोमवार को बहस के दौरान मुख्तार के वकील रणधीर सुमन ने बताया कि मुख्तार अंसारी 18 साल से जेल में है और इस एंबुलेंस का इस्तेमाल 2019 की घटना बताया गया है. रिवीजन पर आज दोपहर तीन बजे फिर से सुनवाई होगी. 


जानें क्या है चर्चित एंबुलेंस केस


मुख्तार अंसारी एंबुलेंस केस उस वक्त सुर्खियों में आया था जब अंसारी ने पंजाब की रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने के लिए इसका इस्तेमाल किया था. इस एंबुलेंस का नंबर यूपी के बाराबंकी का था, जिसके बाद इस एंबुलेंस को लेकर कई सवाल खड़े हो गए. जिसके बाद इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि ये एंबुलेंस साल 2013 में फर्जी दस्तावेजों के सहारे बाराबंकी के आरटीओ में रजिस्टर्ड कराई गई थी. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत 13 लोगों को आरोपी बनाया था.  


ये भी पढ़ें- UP Politics: शिवपाल यादव आजमगढ़ से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव? सपा प्रवक्ता ने कर दिया सब कुछ साफ