Mukhtar Ansari Death: उत्तर प्रदेश स्थित बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई. हार्ट अटैक की शिकायत के बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां इलाज के दौरान कार्डिएक अरेस्ट के चलते मौत हो गई. मौत के बाद मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी ने पहली प्रतिक्रिया दी है.
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने कहा, 'आधिकारिक रूप से मुझे कुछ नहीं बताया गया, मुझे मीडिया के जरिए इस बारे में पता चला. लेकिन अब पूरा देश सब जानता है.दो दिन पहले मैं उनसे मिलने आया था, लेकिन मुझे इजाजत नहीं दी गई.19 मार्च को रात के खाने में उन्हें जहर दिया गया था.हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है.'
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में आतंक का पर्याय बने गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.
अंसारी की मृत्यु के साथ ही अपराध के एक युग और राजनीति के साथ उसके गठजोड़ के एक अध्याय का अंत हो गया. यह इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि अंसारी के खिलाफ हत्या से लेकर जबरन वसूली तक के 65 मामले दर्ज थे, फिर भी वह विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर पांच बार विधायक चुना गया.
साल 1963 में एक प्रभावशाली परिवार में जन्मे अंसारी ने राज्य में पनप रहे सरकारी ठेका माफियाओं में खुद को और अपने गिरोह को स्थापित करने के लिए अपराध की दुनिया में प्रवेश किया.
साल 1978 की शुरुआत में महज 15 साल की उम्र में अंसारी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा. अंसारी खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत गाजीपुर के सैदपुर थाने में पहला मामला दर्ज किया गया था.
लगभग एक दशक बाद 1986 में, जब तक वह ठेका माफियाओं के बीच एक जाना-पहचाना चेहरा बन चुका था, तब तक उसके खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत एक और मामला दर्ज हो चुका था.