Mukhtar Ansari Death: माफिया मुख्तार की मौत के बाद बस्ती में अलर्ट, संवेदनशील इलाकों पुलिस ने किया रूट मार्च
Mukhtar Ansari Died: माफिया से नेता बने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से बस्ती में अलर्ट जारी कर दिया गया है. जुम्मे की नमाज को लेकर पुलिस चप्पे-चप्पे पर मौजूद थी.
Mukhtar Ansari Death News: मुख्तार अंसारी के निधन के बाद पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दिया गया है. जनपदवासियों को सुरक्षा का अहसास दिलाने के लिए जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है. अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस की नजर बनी हुई है साथ ही पुलिस ने बस्ती आवाम से अपील की है कि ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित कर नजदीकी पुलिस स्टेशनों पर सूचना भी दें, जिससे आपसी सौहार्द बना रहे.
एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव को लेकर बिगुल बज चुका है, तो वहीं आगामी चुनाव के बीच हुए माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत ने राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी है. इसी क्रम में बस्ती में भी पुलिस अलर्ट मोड पर दिख रही है. अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के साथ पुलिस फ्लैग मार्च कर सुरक्षा का अहसास दिला रही है. कल रात जनपद बांदा के अस्पताल में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के दिल का दौरान पड़ने से निधन हो गया.
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद धारा 144 लागू
मुख्तार के निधन के बाद पूरे प्रदेश में सीएम योगी के आदेश के बाद धारा 144 लगा दी गई. पुलिस फोर्स के साथ जगह जगह फ्लैग मार्च करने लगी. लोगों को अफवाहों से बचने का संदेश देते हुए नजदीकी चौकी पर सूचना देकर आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की. वहीं इस पूरे मामले पर जब अपर पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया की फ्लैग मार्च चुनाव और त्योहारों को लेकर किया जा रहा है.
जुम्मे की नमाज को लेकर अलर्ट पर पुलिस
जनपद के लोगों से मिलजुल कर आपसी सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर कोई अफवाह फैलता है या फैलाने के कोशिश करते हैं तो आप तुरंत की नजदीकी पुलिस स्टेशन या जनपद के कंट्रोल रूम को फोन मिला कर उसकी सूचना दे सकते हैं और अफवाहों पर ध्यान न दें. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से ही बस्ती पुलिस हाई अलर्ट पर है. साथ ही आज जुम्मे की नमाज को लेकर पुलिस फोर्स को अलर्ट पर रखा गया था. सकुशल नमाज संपन्न कराने को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी.
(मोहम्मद शादाब की रिपोर्ट)