(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mukhtar Ansari News: जब वाराणसी में मुख्तार अंसारी की हुई थी हार, अजय राय बने थे वजह, बसपा के टिकट पर लड़ा था चुनाव
Varanasi Lok Sabha Election 2024: साल 2009 में वाराणसी लोकसभा चुनाव को नजदीक से देखने वाले लोगों का कहना है कि इस चुनाव में सीधे तौर पर डॉ.मुरली मनोहर जोशी और मुख्तार अंसारी में मुकाबला था.
Mukhtar Ansari Varanasi Seat: देश की सबसे चर्चित सीट वाराणसी को आज के दौर में बीजेपी का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है. आज के दौर में किसी भी पार्टी के लिए यहां से चुनाव लड़ना और बीजेपी को टक्कर देना इतना आसान नहीं है. यह 2009 से ही सिलसिला जारी है. साल 2009 में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी और 2014, 2019 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से जीत हासिल की है. 28 मार्च को बांदा में मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उनके सियासत की भी चर्चा इन दिनों पूरे उत्तर प्रदेश में है. पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी ने भी 2009 लोकसभा चुनाव में बीएसपी के टिकट पर वाराणसी से चुनाव लड़ा था. 2009 चुनावी परिणाम में मुरली मनोहर जोशी ने 17211 वोट से मुख्तार अंसारी को हराकर जीत हासिल की थी. ऐसे में कहा जाता है की इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी को काफी जोर लगाना पड़ा था.
वाराणसी से जीत के बेहद करीब थे मुख्तार अंसारी
साल 2009 के वाराणसी लोकसभा सीट के उम्मीदवारों पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी से वरिष्ठ नेता डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी, बीएसपी से मुख्तार अंसारी, भारतीय जनता पार्टी से ही बागी होकर समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी बनाए गए अजय राय और कांग्रेस पार्टी के नेता व वाराणसी के तत्कालीन सांसद डॉ राजेश मिश्रा कांग्रेस पार्टी से मैदान में थे. राजनीति के जानकारों की मानें तो उस समय भारतीय जनता पार्टी के लिए वाराणसी से चुनाव जीतना इतना आसान नहीं था. बीजेपी के सीनियर नेता वाराणसी से चुनाव लड़ रहे थे इसलिए प्रतिष्ठा दाव पर लगी थी. मतदान के दिन कड़ाके की धूप होने की वजह से वोटिंग प्रतिशत कुछ खास नहीं रहा.
इसी बीच बड़ी संख्या में मुस्लिम क्षेत्र से मतदाता कतारों में लगकर वोट कर रहे थे ऐसे में कयास लगाया जा रहा था कि यह वोट सीधे मुख्तार अंसारी को किया जा रहा है. इसको लेकर भाजपा के खेमे में खलबली मच गई और भाजपा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों से वोट करने की अपील शुरू कर दी. जब मतदान के परिणाम आए तों बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी को मात्र 17211 वोट से जीत हासिल हुई थी. मुरली मनोहर जोशी ने इस चुनाव में 2,03,122 वोट हासिल किए थे जबकि बीएसपी उम्मीदवार मुख्तार अंसारी ने 1,85,911 वोट हासिल किए थे. वहीं तीसरे नंबर पर अजय राय रहे जिन्होंने 1,23,874 वोट हासिल किया था. हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी डॉ राजेश मिश्रा 66,386 वोट पाकर चौथे नंबर पर थे.
अजय राय की वजह से जीतते-जीतते हारे मुख्तार
साल 2009 में वाराणसी लोकसभा चुनाव को नजदीक से देखने वाले लोगों का कहना है कि इस चुनाव में सीधे तौर पर डॉ.मुरली मनोहर जोशी और मुख्तार अंसारी में मुकाबला था. हिंदू मुस्लिम वोट का भी जमकर ध्रुवीकरण हुआ लेकिन अगर अजय राय की उम्मीदवारी नहीं होती तो मुख्तार अंसारी की वाराणसी से निश्चित ही जीत होती. भारतीय जनता पार्टी से बागी होकर अजय राय समाजवादी पार्टी के सिंबल से वाराणसी से चुनावी मैदान में थे. सपा प्रत्याशी होने की वजह से अजय राय को अच्छी संख्या में मुस्लिम, यादव, भूमिहार और ओबीसी वोट प्राप्त हुए थे. इसलिए कहा जाता है कि 2009 लोकसभा चुनाव में अजय राय मुख्तार अंसारी की जीत के सामने सबसे बड़ा रोड़ा बने थे.