मऊ: उत्तर प्रदेश की मऊ पुलिस प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के मछली गैंग की कमर तोड़ने का काम किया है. पुलिस ने अंसारी के तीन ट्रक से 389 कुंटल अवैध मछलियां बरामद की हैं. पुलिस ने तीन अपराधियों को भी गिरफ्तार किया है, जबकि एक फरार हो गया है. फर्जी लाइसेंस के आधार पर बाहुबली का ये गैंग आंध्र प्रदेश से मछलियों का व्यापार करता था.


मुख्तार अंसारी पर ताबड़तोड़ एक के बाद एक कार्रवाई हो रही है. बीती रात पुलिस ने तीन ट्रकों की चेकिंग के दौरान अवैध मछलियां बरामद की, जिनकी कीमत करीब 60 लाख रुपये बताई जा रही है. पुलिस ने फर्जी लाइसेंस पर संचालित हो रहे इस मछली व्यापार का भंडाफोड़ करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया और एक फरार हो गया.


पुलिस ने भले ही इतने बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया हो, लेकिन मछली का पकड़ा गया स्टाक जिला प्रशासन के गले में मछली के कांटे की तरह ही फंस गया है.लाख जतन के बावजूद जिला प्रशासन की तरफ से सिटी मजिस्ट्रेट जेएन सचान मछली की नीलामी नहीं करा पाए. उन्होंने बताया कि लाउडस्पीकर की मदद से और तरह-तरह से सूचना देने के बावजूद भी कोई मछली का खरीदार नहीं आया. मछली की नीलामी कर उसे बेचने में या उसका निस्तारण किया जाएगा.


बाहुबली की मछलियों का कोई खरीददार क्यों नहीं मिल रहा है. उसके पीछे कहीं उसका खौफ तो नहीं. इस पर ये बात निकलकर आ रही है कि मऊ पुलिस द्वारा जब इसकी बरामदगी की गई, तो घटना का विवरण मीडिया में बाहुबली के गुर्गों के पकड़े जाने के रूप में पुलिस अधीक्षक के द्वारा दिया गया. शायद इसी कारण पूर्वांचल में बाहुबली अंसारी के माल को नीलामी में खरीदने का खौफ हो.


बता दें कि पकड़े गए तीनों शातिर मुख्तार अंसारी गिरोह के नजदीकी है. पुलिस ने तीन ट्रक और 2 पिकअप को अपने कब्जे में लिया. जिसमें लगभग  60 लाख रुपये की कीमत की 389 कुंटल मछलियां थी. साथ ही, पुलिस ने फर्जी मछली गोदाम लाइसेंस को भी  बरामद किया है. ये कार्रवाई थाना दक्षिणटोला पुलिस द्वारा की गई. दबिश के दौरान पकड़े गए मछलियों से भरे ट्रक के बारे में जब गिरफ्तारी आरोपियों से पूछताछ की गई, तो बताया गया कि यह पूरा माल श्यामलाल सोनकर उर्फ लिल्लू पुत्र जगरनाथ सोनकर निवासी बलिया मोड़ कृष्ण बिहार कालोनी थाना सरायलखंसी जनपद मऊ का है, जो अवैध लाइसेंस के आंध्र प्रदेश से कम पैसे में मछलियों को मंगाकर अवैध रूप से पूर्वांचल व बिहार में इन्हीं मछलियां को ऊंचे दामों में बेचने का काम करता है.


इनके द्वारा अपनी गुंडई व धनबल से जनपद के छोटे व्यवसायियों को डरा धमकाकर पूरे जनपद में मछली का रेट अपने हिसाब से निर्धारित किया जाता है. इस प्रकार ये लोग प्रति ट्रक डेढ़ से दो लाख रुपये का मुनाफा कमाते हैं. सुनील सोनकर द्वारा बताया गया कि श्यामलाल उर्फ लिल्लू जिनका सारा व्यवसाय हम लोग मिलकर देखते हैं, जिसमें कैशियर का काम विजय सोनकर निवासी कप्तानगंज आजमगढ़ व प्रमोद कुमार हरिजन पुत्र लालू राम निवासी बिशनपुरा सरसेना थाना चिरैयाकोट मऊ देखते हैं.


उल्लेखनीय है कि श्यामलाल सोनकर का मछली गोदाम लाइसेंस 15/04/20 को निरस्त किया जा चुका है. सोमकर द्वारा लाइसेंस बहाली के फर्जी कागजात बनाकर अनुचित लाभ प्राप्त करने की लिए मछलियों का आयात-निर्यात किया जा रहा था, जिसे उक्त के कब्जे से बरामद किया गया. साथ ही साथ कोरोना महामारी के दृष्टिगत लागू शनिवार व रविवार लॉकडाउन के दौरान भी मरी हुईं मछलियों को बेचा जा रहा था, जिससे काफी दुर्गन्ध आने कारण संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है. यह भी महत्वपूर्ण है कि उक्त श्यामलाल सोनकर, इनामिया गैंगेस्टर मछली माफिया पारस सोनकर का भाई है. इसका जुड़ाव मुख्तार अंसारी गिरोह से रहा है. इस व्यापार से अर्जित धन को इस गैंग के गुर्गों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात प्रकाश में आई है.


गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम




  • सुनील सोनकर पुत्र मिठाईलाल सोनकर निवासी रजपुरा थाना घोसी मऊ।

  • अनिल कुमार पुत्र संतोष गुप्ता निवासी न्यू पट्टी थाना कासिमाबाद जनपद गाजीपुर।

  • संदीप पुत्र रामकृष्ण साहनी निवासी बहादुरगंज थाना कासिमाबाद जनपद गाजीपुर।

  • मुख्य वांछित - श्यामलाल उर्फ लिल्लु सोनकर


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