UP News: मुख्तार अंसारी 'फाटक' पहुंचने वालों की करता था मदद, गाजीपुर में ये किस्से हैं मशहूर
Mukhtar Ansari News: मुख्तार अंसारी जब अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन के बुलंदियों पर था तब उसके इलाके में बिजली काटने की किसी की हिम्मत नहीं थी. इसी दौर में फाटक पर कई फरियादी पहुंचते थे.
Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई थी, जिसके बाद उसके सामाजिक जीवन की चर्चाएं लगातार सुर्खियों में है. ऐसे अनेक वायरल वीडियो सामने आए हैं जिसमें मुख्तार अंसारी की छवि एक मसीहा के रूप में लोगों द्वारा बयां की गई है. गाजीपुर सहित आसपास के जनपद में अलग-अलग वर्ग के लोगों के बीच में एक प्रभावशाली छवि भी रही है. इससे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और यही वजह है कि मुख्तार अंसारी ने यूपी विधानसभा के चुनावों में पांच बार विधायक के रूप में जीत भी हासिल की थी. एबीपी लाइव ने वाराणसी और गाजीपुर जनपद के राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के खबर को नियमित प्रकाश में लाने वाले वरिष्ठ पत्रकारों से बात की है.
बिजली काटने की किसी की हिम्मत नहीं थी
वरिष्ठ पत्रकार पवन सिंह ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि इसमें कोई दो राय नहीं कि मुख्तार अंसारी की गाजीपुर और आसपास के जनपद में एक अलग छवि भी रही है. इसके पीछे यह वजह है कि अलग-अलग वर्गों के निजी सुविधाओं आवश्यकताओं से जुड़े हुए व्यवस्थाओं के समाधान को भी होते हुए देखा गया है. उदाहरण के तौर पर अंसारी परिवार की तरफ से जो फाटक पर बेटी की शादी, चिकित्सा उपचार में आर्थिक मदद, प्रशासनिक मदद साथ ही अन्य आवश्यकता के लिए पहुंचता था, उसे मदद जरूर मिलती थी. इतना ही नहीं मुख्तार अंसारी जब अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन के बुलंदियों पर था तब उसके इलाके में बिजली काटने की किसी की हिम्मत नहीं थी. इसी दौर में फाटक पर कई फरियादी पहुंचते थे जहां उनकी समस्याओं को सुना जाता था. वहीं दूसरी तरफ बाहुबल और वर्चस्व की लड़ाई को भी जनता ने बेहद नजदीक से देखा है. हालांकि यह दावा लगातार अंसारी परिवार भी करता रहा है.
गाजीपुर के जनपद में था अधिक प्रभाव
वहीं दूसरी तरफ गाजीपुर के निवासी एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार ने बातचीत में बताया कि एक विशेष वर्ग में मुख्तार अंसारी की छवि को लेकर खास प्रभाव देखा गया. इस वजह स्पष्ट है कि आवश्यकता पड़ने पर मुख्तार अंसारी द्वारा फाटक पर पहुंचने वाले व्यक्ति को आर्थिक सहयोग और उसकी अर्जी सुनकर अपना प्रभावशाली व्यक्तित्व कायम रखने का प्रयास किया जाता रहा. हालांकि यही वजह है कि मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर में उसके जनाजे में बड़ी संख्या में लोगों ने उमड़कर बातचीत में कहा भी था कि भले ही मुख्तार अंसारी की आपराधिक छवि की भी चर्चा हो रही हो लेकिन इन्होंने हमें जरूरत पर मदद की है. वैसे अब देखना दिलचस्प होगा कि मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को इस सहानुभूति का कितना लाभ आगामी लोकसभा चुनाव में मिलता है.