Mulayam Singh Yadav Death Anniversary: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि पर आज यानी मंगलवार (10 अक्टूबर) को उनके पैतृक गांव सैफई में श्रद्धांजलि दी जाएगी. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत दिग्गज पार्टी नेता मौजूद रहेंगे. इसके अलावा समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में कार्यक्रम का आयोजन करेंगे.
सीएम योगी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी. सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि."
शिवपाल यादव ने ट्वीट कर किया याद
मुलायम सिंह यादव की पहली पुण्यतिथि पर समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, "ठहरी ठहरी सी जिंदगी है, सबकी आंखों में नमी है. एक धोखा है ये सब रंग और सवेरा, बिन सूरज ये उजाला है तो अंधेरा क्या है? हम सभी के ऊर्जा के स्रोत और अभिभावक आदरणीय नेता जी हमारी स्मृतियों व विचारों में सदैव जीवित रहेंगे, विनम्र श्रद्धांजलि."
कैसा रहा मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. मुलायम सिंह शुरुआती दिनों से छात्र राजनीति में सक्रिय रहें. उन्होंने राजनीति शास्त्र में डिग्री हासिल करने के बाद एक इंटर कॉलेज में कुछ समय के लिए पढ़ाया. वह वर्ष 1967 में पहली बार जसवंत नगर सीट से विधायक चुने गए. उन्होंने वर्ष 1975 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा देश में आपातकाल घोषित किए जाने का कड़ा विरोध किया.
जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर रहे मुलायम
समाजवादी मुलायम सिंह यादव ने राजनीतिक संभावनाओं को हमेशा खोल कर रखा और वह हर अवसर का इस्तेमाल करने वाले राजनेता रहे. जोड़-तोड़ की राजनीति में भी माहिर माने जाने वाले यादव समय-समय पर अनेक पार्टियों से जुड़े रहे. इनमें राम मनोहर लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल, भारतीय लोक दल और समाजवादी जनता पार्टी भी शामिल हैं. उसके बाद वर्ष 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया. मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाने या बचाने के लिए जरूरत पड़ने पर बसपा, कांग्रेस और बीजेपी से भी समझौते किए. वर्ष 2019 में संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में दोबारा वापसी का ‘आशीर्वाद’ देकर उन्होंने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था.
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