Mulayam Singh Yadav Death Anniversary: आसान नहीं है मुलायम सिंह यादव होना, सियासी दंगल में दी धुरंधरों को पटखनी, ऐसा रहा राजनीतिक सफर
Mulayam Singh Yadav Biography: मुलायम सिंह यादव ने छात्र राजनीति से पॉलिटिक्स में कदम रखा था. यूपी की राजनीति में उन्हें पिछड़ों का सबसे बड़ा नेता माना जाता है.
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Mulayam Singh Yadav Death Anniversary: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की आज यानी 10 अक्टूबर को पहली पुण्यतिथि है. पूर्व सीएम की पुण्यतिथि पर सपा प्रदेशभर में कई कार्यक्रम कर रही है. उनके पैतृक गांव सैफई में एक श्रद्धांजलि सभा रखी गई, जिसमें खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके परिवार के लोग शामिल हुए. मुलायम सिंह यादव की यूपी की राजनीति में एक अलग ही पहचान रही है. वो जमीन से जुड़े नेता थे, जिसके चलते उन्हें 'धरती पुत्र' भी कहा जाता था.
आम लोगों के साथ आत्मीय कनेक्शन और खांटी समाजवाद के प्रतीक मुलायम सिंह को लोग प्यार से नेताजी भी कहते थे. मुलायम सिंह यादव ने यूपी की राजनीति ही बदल कर रख दी. उन्होंने छात्र जीवन से राजनीति में कदम रखा और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद वो देश के रक्षामंत्री और तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री भी बने. आज समाजवादी पार्टी प्रदेश की दूसरी सबसे ताकतवर पार्टी है.
छात्र राजनीति से रखा कदम
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में हुआ. उनकी माता का नाम मूर्ति देवी और पिता का नाम सुघर सिंह यादव था. मुलायम सिंह यादव अपने पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई स्थानीय परिषदीय स्कूल से हुई थी. इसके बाद उन्होंने करहल के जैन इंटर कॉलेज से बारहवीं तक पढाई की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए इटावा चले गए. यहां के केकेडीसी कॉलेज से मुलायम सिंह ने बीए किया.
इटावा में पढ़ाई के दौरान जब उन्हें रहने के लिए जगह नहीं मिली थी तो वो कुछ समय तक केकेडीसी कॉलेज के संस्थापक हजारीलाल वर्मा के घर पर ही रहे. साल 1962 में पहली बार देश में छात्रसंघ चुनाव का एलान हुआ. यहीं से उनकी राजनीति में इच्छा जागी और वो राजनीति में कूद गए. मुलायम सिंह यादव पहले छात्रसंघ के अध्यक्ष बने और युवा नेता के तौर पर उनकी पहचान बनी.
पहली बार जसंवत नगर से चुने गए विधायक
इसके बाद मुलायम सिंह ने शिकोहाबाद के डिग्री कॉलेज से एमएम की शिक्षा ली और फिर बीटी करके कुछ समय तक करहल के जैन इंटर कॉलेज में बतौर शिक्षक काम किया. इस बीच उनकी नत्थू सिंह से नजदीकियां बढ़ीं, कुश्ती के शौकीन मुलायम सिंह ने पहलवानी में अपने दांव-पेंचों से नत्थू सिंह को इतना प्रभावित कर दिया कि 1967 के विधानसभा में उन्होंने अपनी परंपरागत जसंवत नगर सीट छोड़कर मुलायम सिंह यादव को सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ाया और महज 28 साल की उम्र में वो विधायक बन गए.
मुलायम सिंह यादव ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया, सपा आज यूपी की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. साल 2012 विधानसभा चुनाव में सपा को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत मिला और उनके बेटे अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे.
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