Mulayam Singh Yadav: पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव  (Mulayam Singh Yadav) का बागपत (Baghpat) से भी नजदीकी का रिश्ता रहा है. उन्हें यहां कई सभा और समारोह में आने का अवसर मिला. मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 1994 में मुलायम सिंह बड़ौत नगर में एक जनसभा में आए थे. संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था कि वह चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) की कर्मभूमि को कुछ देने आए हैं और यह कहते ही उन्होंने बड़ौत को तहसील बनाने की घोषणा कर दी थी. 


इसलिए बड़ौत में आयोजित करवाई थी सभा


वर्ष 1975 से मुलायम सिंह यादव के साथ जुड़े रहे पूर्व विधायक साहब सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 1994 में उन्हें लखनऊ बुलाया था और यह कहा था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की भूमि को कुछ देना चाहते हैं इसलिए उनकी एक सभा आयोजित करा दो. मुलायम सिंह ने उन्हें भी जनता पार्टी छोड़कर सपा में आने का न्यौता दिया था, जिसके बाद उन्होंने उसी साल बड़ौत नगर के दिगंबर जैन कॉलेज के सी फिल्ड में एक जनसभा कराई थी, जिसमें मुलायम सिंह यादव को बुलाया गया.


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एक-एक कर पूरे किए गए ये वादे


पूर्व विधायक साहब सिंह ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने जनसभा को संबाेधित करते हुआ था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि को कुछ देने आए हैं. यह कहते ही उन्होंने बड़ौत को तहसील बनाने की घोषणा कर दी थी. इसके अलावा कई सड़क और बिजलीघरों का निर्माण कराने का वादा किया था, जिन्हें एक-एक कर पूरा कर दिया गया. साहब सिंह ने बताया कि वह उसी जनसभा में जनता पार्टी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. उसके बाद वह सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता भी रहे और बागपत में ही विधानसभा और लोकसभा के चुनाव भी लड़े. हालांकि पिछले कई साल से पूर्व विधायक साहब सिंह ने सपा को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.


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