Mulayam Singh Yadav Death: समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सैफई (Saifai) पहुंच गया है. जहां उनके अंतिम दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े हैं. मुलायम सिंह का मंगलवार दोपहर को सैफई में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा. जिसे देखते हुए तमाम बड़े नेता कल सैफई पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने भी अपनी सावधान यात्रा (Savdhan Yatra) को तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया है. राजभर ने कहा कि वो अपने विधायकों के साथ सैफई भी जाएंगे. 


राजभर ने स्थगित की सावधान यात्रा 


मुलायम सिंह यादव के निधन पर दुख जताते हुए है सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि आज सुभासपा जिन ऊंचाईयों पर पहुंची है वो सब नेताजी के दिए गए सुझाव और सलाह और उनके पदचिन्हों पर चलकर ही आगे बढ़ी है. नेताजी के निधन से पूरे देश शोकाकुल है. ये देश के लिए अपूरणीय क्षति है. राजभर ने मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए कहा कि एक गरीब परिवार में पैदा हुए और संघर्षों के बल पर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक जाना बड़ी है. उन्हें कई कड़े फैसले लेते देखा और सुना है. 


मुलायम सिंह को याद कर बोले राजभर


सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में सरकारी कामकाज इंग्लिश में होते थे, लेकिन जब वो मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने फैसला लिया कि अब सरकारी कामकाज हिन्दी में होंगे. उनके इस फैसले का काफी विरोध भी हुआ था लेकिन वो पीछे नहीं हटे. आज जो सरकारी काम हिन्दी में हो रहा है वो सब उन्ही की देन है. राजभर ने कहा कि बतौर रक्षा मंत्री उन्होंने ही ये फैसला लिया था कि जो जवान शहीद होते हैं उनको सम्मान के साथ उनके घर पहुंचाना और सम्मान के साथ अंत्योष्टि हो, ये उनका एक बड़ा कदम था. 


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'सबको साथ लेकर चलने वाले नेता थे मुलायम'
मुलायम सिंह यादव से हुई मुलाकातों को याद करते हुए ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जब मेरी उनसे चौथी मुलाकात हुई तो मैं पार्टी बना चुका था. उन्होंने हमसे कहा कि मैं भी बहुत गरीब परिवार में पैदा होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक आया. उन्होंने कहा कि जनता के बीच में रहना है, उनके सुख दुख में साथ रहना है. जब उनके साथ मिलकर संघर्ष करोगे, तो लोग आपके साथ जुड़ेंगे. वही जनता ऊंचाई तक ले जाती और पतन की तरफ भी लाती है. हम उनके सुझाव और सला को बराबर मानते रहे.  


ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जब तक लोकतंत्र रहेगा मुलायम सिंह को याद किया जाएगा. वो सबको साथ लेकर चलने वाले नेता थे, कभी उनसे कोई नाराज भी हो गया तो वो उसको प्रेम से समझाते और मना लेते थे. 


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