मुंबई, भाषा। दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में मंगलवार को एक चार मंजिला आवासीय इमारत गिर गई। जिससे कम से कम सात लोगों की मौत हो गई जबकि आठ अन्य घायल हैं। मलबे में 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।


बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार डोंगरी में टंडेल मार्ग पर स्थित भूतल के अतिरिक्त चार मंजिल वाली इस ‘केशरबाई बिल्डिंग’ का एक बड़ा हिस्सा सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गिर गया।



बेहद घनी आबादी और संकरी सड़कों वाले इलाके में स्थित इस इमारत में काफी लोग रह रहे थे। इसके मलबे में 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका है। दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और निकाय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं लेकिन संकरी सड़कों के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं और मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं।

एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पा रही है, उसे 50 मीटर की दूरी पर खड़ा करना पड़ा इस इमारत का मालिकाना हक महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण के पास है। संस्था के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। बचाव कार्य में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें भी मौके पर पहुंच गयी हैं।

मलबे से निकाले गए घायलों को पास ही स्थित जेजे अस्पताल में भेजा गया। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) के अध्यक्ष उदय सामंत के अनुसार हादसे में शाम तक 12 लोग मारे जा चुके थे। लेकिन पुलिस ने सात लोगों के ही मारे जाने की पुष्टि की है। दुर्घटना के कारणों को लेकर भी मुंबई महानगरपालिका एवं म्हाडा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। म्हाडा अध्यक्ष उदय सामंत ने माना कि म्हाडा ने इस क्षेत्र की इमारतों की मरम्मत की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र के एक ठेकेदार को दी थी। लेकिन 2012 से 2019 तक इस क्षेत्र में मरम्मत का कोई काम नहीं हुआ।

मुख्यमंत्री ने जांच का आश्वासन दिया

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने कहा कि मुंबई के डोंगरी इलाके में इमारत ढहने की जानकारी मिली है, उसमें लगभग 15 परिवारों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। यह इमारत लगभग 100 साल पुरानी थी। हमारा पूरा ध्यान मलबे में फंसे हुए लोगों को बचाने पर है। इस मामले में जांच की जाएगी।