हमीरपुर: हमीरपुर जिले की सड़कों में माया नगरी मुंबई जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. यहां मुंबई की पहचान बन चुकी आधे काले, पीले रंग की सैकड़ों टैक्सियां फर्राटा भरती गुजर रही हैं. कोरोना काल में जारी महापलायन के इस दौर में हर बाहरी व्यक्ति अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद में सैकड़ो किलोमीटर का सफर कर रहा है. जिसके लिये मुंबई से टैक्सियां, थ्री व्हीलर ऑटो और ट्रकों, लोडर में भूसे की तरह भरे हुये लोग जान की बाजी लगा कर सफर करते दिखाई दे रहे हैं. इन सबके बीच मुंबई की काली पीली टैक्सियां विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.


काले, पीले रंग की यह टैक्सियां माया नगरी मुंबई में नहीं बल्कि हमीरपुर ज़िले के सड़कों से गुजर रही हैं. इन टैक्सियों में सवार लोग उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के निवासी है. वो मुंबई से 17 से 18 सौ किलोमीटर का सफर तय कर अपने घरों की तरफ जा रहे हैं. यूपी के लोग जो मुंबई में रह कर गाड़ियां चला कर अपना गुजारा कर रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते हुये लॉकडाउन में गाड़ियां चलना बंद हो गयी. लिहाजा सभी लोग अपनी अपनी टैक्सियां, गाड़ियां ले कर सैकड़ों किलोमीटर दूर आपने घरों को चल दिये. राहुल कुमार टैक्सी चालक और राजेंद्र कुमार ट्रक चालक ने बताई लॉक डाउन में परेशानी की कहानी.


टैक्सियों के बाद अब ट्रक, लोडर में भूसे की तरह लोग भरे हुये हैं. घर पहुंचने की जल्दी में यह लोग अपनी जान की भी परवाह न कर सफर कर रहे हैं. लंबे खींच रहे लॉकडाउन से घबराये मजदूर और वाहन चालक किसी भी तरह घर पहुंचना चाह रहे हैं, फिर उन्हें ट्रकों में भूसे की तरह भर कर सफर क्यों ना करना पड़े.


लॉक डाउन के बाद महानगरों में फंसे मज़दूरों को वापस लाने के लिये अब स्पेशल ट्रेन और बसें चलाई जा रही हैं पर कोरोना से घबराये प्रवासी मजदूर किसी भी तरह कैसे भी आपने घरों को लौटने के लिये ट्रकों, लोडरों में तकलीफदेह सफर करते दिखाई दे रहे हैं. इनमें से कई हादसों का शिकार हो कर जान भी गंवा रहे हैं, पर उनका जानलेवा सफर जारी है.


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