Exclusive: फ्रांस हमले पर दिए बयान पर कायम मुनव्वर राणा, बोले- कातिल लड़का आतंकवादी नहीं था
देश के जाने-माने शायर मुनव्वर राणा ने फ्रांस में अध्यापक की हत्या पर दिए बयान सफाई दी है. वह अपने बयान पर कायम है. उन्होंने कहा कि वे हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं. कार्टून बनाने वाले और हत्या करने वाले दोनों ने गलत किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी गतिविधि नहीं थी.
देश के जाने-माने शायर मुनव्वर राणा ने हाल में फ्रांस में आतंकवादी हमले पर एक बयान दिया था, जिसे लेकर वह काफी विवादों में घिरे हुए हैं. इसे लेकर उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है. मुनव्वर राणा ने अपने बयान में कहा था कि अगर कोई माता-पिता या भगवान का गंदा कार्टून बनाता तब वह भी उसकी हत्या कर देते. मुनव्वर राणा ने इस मामले पर एबीपी न्यूज से बातकर अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा कि वे किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करते.
मुनव्वर राणा ने कहा,"मैंने अध्यापक की हत्या का समर्थन नहीं किया. जिसने कार्टून बनाया उसने गलत किया, जिसने हत्या की गलत किया. लेकिन इस तरह की तस्वीरें या कार्टून नहीं बनाने चाहिए कि कोई भी आदमी जुनून में आ सकता है. मैं इस जुनून को जायज नहीं ठहरा हूं. एक धर्म के नाम पर गौरक्षा की आड़ में एक आदमी को सौ-सौ लोग मार देते हैं, उनकी कितनी सजाएं हुईं, कितनी फांसियां हुई? उसका हिसाब दे दें."
उठाया ऑनर किलिंग का मुद्दा
सफाई देते हुए मुनव्वर राणा ने ऑनर कीलिंग का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा," ऑनर किलिंग के नाम पर अपने पाले हुए बच्चे और बच्चियों को मार देते हैं, कितने लोगों को फांसियां हुईं? मकबूल फिदा हुसैन ने जब देवी-देवाताओं का चित्र बनाया, तो उसके नतीजे में उनका घर जलाया गया, स्टूडियो जलाया गया और डर कर उनको यहां से भागना पड़ा. अगर वो यहां होते तो उन्हें भी मार दिया जाता."
अपने बयान पर कायम
मुनव्वर राणा ने कहा,"मुझ पर आरोप लगाने वाले जो बयान दे रहे हैं, वो अपना बचाव करें, मुझे किसी के बचाव की जरूरत नहीं है." उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर अब भी कायम हैं. इसके लिए उन्होंने एक उदाहरण दिया कि अगर 15-16 साल का बच्चा अपने घर में आता है, तो देखता है कि उसकी बहन या मां के साथ कुछ गलत हो रहा है, तो वह गलत करने वाले को मार देगा. बाद में सरकार उसे सजा देगी तो क्या फर्क पड़ता है. उन्होंने कहा कि वह किसी की तरफदारी नहीं कर रहा हूं. बस ऐसा होता है. दुनिया में 80 प्रतिशत हत्या इस जुनून की वजह से होती है.
दोनों आतंकवादी नहीं थे
एबीपी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह लड़का आतंकवादी नहीं था. और ना ही वे आतंकवाद को सपोर्ट करते हैं. वहां सिर्फ एक छात्र और एक अध्यापक था. वहां कोई गन, बंदूकें नहीं थी.
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