मंदिर निर्माण के लिये मुस्लिम समाज दे रहा है बड़ा योगदान, जोर शोर से चल रहा है निधि समर्पण अभियान
अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिये निधि समर्पण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में मुस्लिम समाज भी बढ़ चढ़कर सहयोग कर रहा है.
अयोध्या: दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय आज अयोध्या पहुंचे और उन्होंने कारसेवक पुरम में जाकर के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय से मुलाकात कर अपने परिवार की तरफ से राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण किया. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस दरमियान मीडिया से बात करते हुए बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए लगातार लोग बढ़ चढ़कर अपना योगदान दे रहे हैं. आशा से अधिक राम मंदिर निर्माण के लिए लोग निधि का समर्पण कर रहे हैं. साथ ही, राम मंदिर निर्माण में मुस्लिमों का भी बढ़-चढ़कर सहयोग है और हर वर्ग के लोग राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी निधि का समर्पण कर रहे हैं.
मंदिर की मजबूती के लिये हो रहा है लगातार रिसर्च
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर के लिए नींव बनाने के लिये मलबा हटाने का काम चल रहा है और इस काम में एलएंडटी कार्यदायी संस्था के मुताबिक लगभग 75 दिन लगेंगे, अभी मार्च भर और राम जन्मभूमि परिसर से मलबा हटाया जाएगा. साथ ही श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि एनजीआरआई हैदराबाद की टीम ने जो शोध किया है, उसके लिए 400 फुट गहरा सात स्थानों पर बोरिंग की गई है. जहां पर जमीन के अंदर की मिट्टी के परीक्षण का कार्य हो रहा है. 100 पन्नों की रिपोर्ट ट्रस्ट को सौंपी जा चुकी है और उन्हीं के सुझाव पर अब राम मंदिर निर्माण के लिए मलबा हटाया जा रहा है. राम मंदिर के निर्माण के बाद उसकी आयु लंबी हो, इस लिहाज से विशेषज्ञों की टीम लगातार शोध कर रही है. राम जन्म भूमि के गहराई में सरयू का किराना होने की वजह से भुरभुरी बालू है और बालू पर किस तरीके से ग्रिप बनाई जाए, इस तकनीकी पर काम हो रहा है. इसके लिए अलग-अलग विशेषज्ञ लगातार कार्य कर रहे हैं. मंदिर भूकंप रोधी हो, सरयू की जलधारा से मंदिर की नींव को कोई नुकसान ना हो, इन सब विकल्पों पर विशेषज्ञों के द्वारा रिसर्च किया जा रहा है. राम मंदिर निर्माण के लिए एनजीआरआई की टीम समग्र रूप से इस पर चिंतन कर रही है.
मुस्लिम समाज का बड़ा योगदान
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, मंदिर निर्माण के लिए देश का प्रत्येक समाज दान दे रहा है. मुस्लिम समाज ने कल्पना से अधिक राम मंदिर के लिए निर्माण में सहयोग दिया है. इतना ही नहीं चंपत राय ने कहा कि अयोध्या का मुस्लिम समाज भी राम मंदिर के लिए लगातार सहयोग कर रहा है. समाज के लोगों को राम मंदिर के विषय में पहले से जानकारी थी. इस स्थान पर एक बड़े समाज की आस्था जुड़ी हुई है और इसी वजह से राम मंदिर निर्माण में लोग आशा से कहीं ज्यादा सहयोग कर रहे हैं. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान राम पूर्वज हैं. 500 वर्ष पूर्व मुस्लिम समाज के भी पूर्वज भगवान राम थे और इंडोनेशिया में राम को सब अपना पूर्वज ही मानते हैं.
ये भी पढ़ें.
राफेल सौदे को लेकर राहुल गांधी की पीएम पर की गई टिप्पणी पर भेजा गया नोटिस, पढ़ें पूरा मामला