रिटायरमेंट से चार साल पहले यूपी के एक मुस्लिम आईएएस ने छोड़ी नौकरी, योगी सरकार में थे सचिव
UP News: उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी ने नौकरी छोड़ दी है. वह साल 2028 में रिटायर होने वाले थे. अधिकारी ने निजी कारण बताते हुए वीआरएस ले लिया है.
![रिटायरमेंट से चार साल पहले यूपी के एक मुस्लिम आईएएस ने छोड़ी नौकरी, योगी सरकार में थे सचिव Muslim Mohammad mustafa IAS officer of UP left his job four years before retirement रिटायरमेंट से चार साल पहले यूपी के एक मुस्लिम आईएएस ने छोड़ी नौकरी, योगी सरकार में थे सचिव](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/20/73f7d028552e55a3773249b8d0711bac1718867362479369_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
UP News: भारतीय प्रशासनिक सेवा में उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा ने रिटायरमेंट से चार साल पहले नौकरी छोड़ दी है. मुस्तफा, उत्तर प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव, सार्वजनिक उद्यम विभाग और महानिदेशक, सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो का जिम्मा संभाल रहे थे. उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्कीम (वीआरएस) के तहत सेवामुक्त होने की अपील की थी. उन्होंने निजी कारणों से वीआरएस लेने की इच्छा जाहिर की थी. अब योगी सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है. साल 2020 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे मुस्तफा को योगी सरकार ने लेबर कमिश्नर की जिम्मेदारी दी थी.
प्रयागराज निवासी मुस्तफा ने साल 1995 में सर्विस ज्वाइन की थी. 1 साल मसूरी में ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली नियुक्ति असिस्टेंट मजिस्ट्रेट और असिस्टेंट कलेक्टर के पद पहले हुई थी. इस पद पर 4 महीने ट्रेनिंग के बाद वह साल 1997 तक बलिया में हे. इसके बाद पह ट्रेनिंग के दूसरे फेज के लिए देहरादून गए. 2 महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें1997 में ही मीरजापुर का ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया. साल 2002 में पहली बार मुस्तफा कानपुर देहात के डीएम बने और 1 महीने बाद ही उन्हें शिक्षा विभाग में विशेष सचिव की जिम्मेदारी दी गई.
करहल से अखिलेश यादव की जगह कौन लड़ेगा चुनाव? रेस में हैं ये तीन बड़े नाम, जल्द हो सकता है ऐलान
कुछ ऐसा रहा है मुस्तफा का करियर ग्राफ
फिर साल 2002 के नवंबर में वह प्रतापगढ़ के डीएम रहे. वह रामपुर, फतेहपुर, बलरामपुर, के भी जिलाधिकारी और कलेक्टर रहे. इसके अलावा वह 4 महीनों के लिए साल 2011 में झांसी डिविजन के कमिश्नर रहे. मुस्तफा साल 2012 से साल 2020 तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे और इस दौरान वित्त विभाग के निदेशक, वित्त सेवाओं के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी संभाली. जब वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे तब अगस्त से सितंबर 2020 तक उन्हें वेटिंग में रखा गया. फिर 15 सितंबर 2020 को उन्होंने लेबर कमिश्नर का चार्ज लिया. फिलॉसिफी से एमए मुस्तफा 3 सितंबर 1995 को सरकारी सेवा में आए थे.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)