Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सीएम के तौर पर शपथ लिया है. मंत्रिमंडल के चयन में बीजेपी (BJP) ने हर तरह से सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश की है. इन सबके बीच योगी मंत्रिमंडल में एक नाम ने सबको चौंका दिया और वह नाम था दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) का. दानिश ना तो विधायक हैं ना ही विधान परिषद के सदस्य हैं. वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं है लेकिन फिर भी दानिश को राज्यमंत्री बनाया गया.
क्या काम कर रहे थे दानिश
आजमगढ़ (Azamgarh) मंडल के अंतर्गत आने वाले बलिया (Ballia) जिले के रहने वाले दानिश आजाद अंसारी ने ग्रेजुएशन लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) से किया और 2011 में एबीवीपी में आ गए. उसके बाद से लगातार वे मुस्लिम युवाओं के बीच बीजेपी की विचारधारा को लेकर जा रहे थे. योगी सरकार ने उन्हें 29 अक्टूबर 2018 को उर्दू भाषा आयोग का सदस्य मनोनीत किया. बीते साल 2021 में दानिश को अल्पसंख्यक मोर्चा में प्रदेश महामंत्री बनाया गया था और अब दानिश को राज्य मंत्री बनाया गया.
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दानिश को मंत्री बनाने के पीछे क्या है वजह
दानिश आजाद अंसारी को यूपी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी अपना हर कदम 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काफी सावधानी से उठा रही है. ऐसे में दानिश मुस्लिम ओबीसी के अंसारी समुदाय से आते हैं. यूपी में मुस्लिम ओबीसी की बड़ी संख्या है लेकिन राजनीतिक हिस्सेदारी कुछ खास नहीं है. दानिश अंसारी को मंत्री बनाकर बीजेपी मुस्लिम ओबीसी को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश में है.