यूपी में मुस्लिमों की इन जातियों को मिलता है रिजर्वेशन, यहां देखें लिस्ट
Muslim Reservation In UP: उत्तर प्रदेश में ओबीसी कोटे से मुस्लिमों को मिलने वाले आरक्षण की समीक्षा का दावा किया जा रहा है. सूत्रों का दावा है कि इस संदर्भ में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.
Muslim Reservation List: लोकसभा चुनाव के बीच उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मुद्दा उठा है जिसकी शुरूआती पांच चरणों में कहीं कोई चर्चा ही नहीं थी. यह मुद्दा है ओबीसी कोटे में मिल रहे मुस्लिमों के आरक्षण का. एक अनुमानित आंकड़े के अनुसार यूपी के 85 फीसदी मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण के तहत रिजर्वेशन मिलता है. सूत्रों का दावा है कि योगी सरकार इसकी समीक्षा भी करा सकती है. राज्य की आरक्षण सूची में 79 जातियों को ओबोसी कोटे का लाभ मिलता है. इसमें 24 जातियां मुस्लिमों की है. मुस्लिमों की कसगर, कुंजड़ा या राईन, गद्दी, घोसी, चिकवाक कस्साब, कुरैशी, चक्र ,दर्जी, इदरीसी, काकुत्स्थ, फकीर, सैफी, लोहार, हज्जाम, सलमानी, भिश्ती-अब्बासी, मीर शिकार, शेख सरवाली, पीराही, मनिहार, मोमिन (अंसार) मुस्लिम कायसत्थ, नद्दाफ (धुनिया) और मंसूरी को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है.
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीते बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द कर दिए. इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं. इस पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को हमला बोला.
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सीएम योगी ने क्या कहा?
सीएम योगी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण नहीं बल्कि मुस्लिम आरक्षण को लेकर जो अपना फैसला दिया वह स्वागत योग्य है.
उन्होंने कहा, भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता. पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने राजनीतिक तुष्टीकरण की पराकाष्ठा पर चलते हुए 2010 में 118 मुस्लिम जातियों को जबरन ओबीसी में घुसेड़ कर उन्हें ये आरक्षण दिया था. यानी ये जातियां ओबीसी का हक जबरन हड़प रही थीं.
आगे कहा, इसी असंवैधानिक कृत्य पर कोलकाता हाईकोर्ट ने टीएमसी सरकार के फैसले को पलटा है और एक जोरदार तमाचा मारा है. यह कार्य असंवैधानिक था और इसे अनुमति नहीं दी जा सकती.