लोकसभा चुनाव के बीच यूपी में क्यों उठा मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा! सामने आई ये वजह
UP Muslim Reservation: उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठा है. समाजवादी पार्टी की सरकार में साल 2003 में पारित एक निर्णय को लेकर अब सियासी हंगामा मचा हुआ है.
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Muslim Reservation News: ओबीसी कोटे में मुस्लिम जातियों को मिलने वाले आरक्षण पर माहौल फिर गर्म है. उत्तर प्रदेश में अब योगी सरकार ने बड़ी बात कही है. राज्य सरकार ओबीसी कोटे में मुस्लिम जातियों को मिलने वाले आरक्षण की समीक्षा करेगी. इस बात की तफ्तीश की जाएगी कि मुस्लिमों के लिए ओबीसी रिजर्वेशन में हिस्सेदारी किस हिसाब से तय की गई है. दरअसल, आरक्षण के OBC कोटे में मुस्लिमों की एंट्री का मामला बंगाल से उठा और उत्तरप्रदेश की सियासत सुलगने लगी. यूपी में भी मुस्लिमों की दो दर्जन से ज्यादा ऐसी जातियां हैं, जिन्हें ओबीसी कोटे का आरक्षण मिलता है.
उत्तर प्रदेश में 7 साल से बीजेपी सरकार है अब बंगाल से मामला उठा है, तो योगी सरकार भी पुराने दस्तावेज खंगालने में जुट गई है. अब इस फैसले को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता हिंदू-मुस्लिम की राजनीति के खांचे में ढालने का आरोप लगा रहे हैं.
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इस मामले पर सपा नेता और सांसद एसटी हसन ने कहा कि मस्लिमों के 4% आरक्षण पर परेशानी सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हो रही हैं और किसी हिन्दू भाई को परेशानी नहीं है मोदी जी हिन्दू मुस्लिमों को बांटने वाले बयान दे रहे हैं इन्होंने हमेशा नफरतों की राजनीति कर सिंघासन हांसिल किए हैं अब हिन्दू भाई इनके बहकावे में नहीं आने वाले , हिन्दू मुस्लिमों को कोई ताकत एक दूसरे से अलग नहीं कर सकती.
क्यों उठा ये मुद्दा!
पांच चरण के चुनाव बीत चुके हैं अब उत्तर प्रदेश में जिन दो चरणों का चुनाव बाकी है वो हिस्सा पूर्वांचल का है. इस इलाके में जातीय समीकरण काफी मजबूत माने जाते हैं ऐसे में बीजेपी की कोशिश यही है कि वोटर जातियों में बंटने की बजाय हिंदू एकता के छाते के नीचे आ जाएं.
उधर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कोलकाता हाईकोर्ट से आए फैसले पर ममता बनर्जी द्वारा एतराज जताए जाने के मामले पर कहा है कि अगर वह हाईकोर्ट के फैसले को नहीं मानती हैं तो उसे मनाने के तमाम तरीके हैं. देश की अदालतों के आदेश की अवहेलना करने की छूट किसी भी नेता - मंत्री या मुख्यमंत्री को नहीं है. संविधान ने उनका कोई ऐसा अधिकार नहीं दिया है.
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