प्रयागराज, एबीपी गंगा। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देश के कई हिस्सों में धरने-प्रदर्शन जारी है। प्रदेश के प्रयागराज जिले में भी धरने का जिम्मा महिलाओं ने लिया हुआ है। मंसूर अली पार्क में सीएए के विरोध में पिछले 6 दिन से कई महिलाएं धरने पर बैठी हुई हैं। बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने इस जगह पर अपना कब्जा जमा लिया है। शहर के बीचो-बीच स्थित इस पार्क में आंदोलनकारियों का कब्जा होने से प्रशासन की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। कई सरकारी अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से धरना खत्म कर पार्क खाली करने की अपील की है, लेकिन आंदोलनकारी लोगों की भीड़ और बढ़ती जा रही है। महिलाएं पूरी रात यहां खुले आसमान के नीचे बैठी रहती हैं। यहीं नमाज पढ़ती हैं और यही से सरकार के खिलाफ हुंकार भर रही हैं।


प्रशासन की तरफ से चार दिन पहले धरना दे रही तकरीबन 250 महिलाओं और उन्हें समर्थन देने वाले लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बावजूद महिलाएं अपना आंदोलन खत्म करने को कतई तैयार नहीं हैं। पार्क में महिलाओं के समर्थन में बड़ी संख्या में पुरुष भी डटे रहते हैं। हालांकि धरने पर सिर्फ महिलाएं ही बैठी हुई हैं। इस पार्क में पूरे दिन देशभक्ति के तराने गूंजते हैं। महिलाओं के खाने का इंतजाम भी यहीं पर रहता है। इसके साथ ही यहां दवाओं व बच्चों के बिस्किट वगैरह का इंतजाम भी कर दिया गया है। मंसूर पार्क में आंदोलनकारी महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आंदोलन को खत्म कराने और पार्क को महिलाओं के कब्जे से आजाद कराना अब सरकारी अमले के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो रहा है।


धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून भेदभाव करने वाला है। सरकार उनके साथ नाइंसाफी कर रही है, इसलिए अपना हक पाने के लिए उन्हें मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा है। इन महिलाओं का कहना है कि जब तक सरकार सीएए को पूरी तरह वापस लेने का एलान नहीं कर देती, वह अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगी और इसी तरह धरने पर बैठी रहेंगी। मुस्लिम महिलाओं के इस धरने को अब विपक्षी पार्टियों व कई दूसरे संगठनों ने भी अपना समर्थन दे दिया है।