Mussoorie News- भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी में 6 महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद तीन महिला चिकित्सा अधिकारियों सहित 13 चिकित्सा अधिकारी बल की मुख्यधारा में शामिल हुए. इन चिकित्सा अधिकारियों को कठोर और लंबे प्रशिक्षण के दौरान युद्ध कौशल, शस्त्र चालन, शारीरिक प्रशिक्षण, आसूचना मात्र अध्ययन सैन्य प्रशासन, कानून और मानव अधिकार जैसे पुलिस संबंधी विषयों का गहन प्रशिक्षण दिया गया. पास आउट होने वाले इन चिकित्सा अधिकारियों में उत्तर प्रदेश से तीन, राजस्थान और दिल्ली से दो-दो, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, मणिपुर और असम से एक-एक शामिल है.


ट्रेनिंग के बाद चिकित्सा अधिकारियों ने ली शपथ


वहीं ट्रेनिंग के बाद आयोजित हुए भव्य दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह में इन सभी चिकित्सा अधिकारियों ने संविधान एवं बल के प्रति निष्ठा एवं समर्पण की शपथ ली. प्रशिक्षणार्थियों के जीवन में इस महत्वपूर्ण समारोह में मुख्य अतिथि मनोज सिंह रावत बने. इसके साथ ही अपर महानिदेशक और बल के वरिष्ठ अधिकारियों और इन युवाओं के परिजनों ने इनके कंधो पर सितारे सजाकर उनका उत्साह बढ़ाया. साथ ही उन्हें उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी. ये समारोह भारत तिब्बत सीमा पुलिस के बैंक डिस्प्ले एवं कराटे प्रदर्शन के साथ संपन्न हुआ.


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तिब्बत सीमा पुलिस कई संस्थानों को देता है सुरक्षा


इस दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह परेड में बतौर मुख्य अतिथि मनोज सिंह रावत और अपर महानिदेशक ने परेड का निरीक्षण किया. वो अपने संबोधन में पास आउट होने वाले सभी अधिकारियों को बल की मुख्यधारा में शामिल होने पर बधाई देते हुए भी दिखाई दिए. आपको बता दें कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल 19 हजार फीट तक की उंचाई पर स्थित अग्रिम चौकियों में शून्य से 45 डिग्री तापमान में भी मुस्तैदी से काम करने वाला एक अनुशासित और अति प्रशिक्षित बल है. जो कि देश के अलावा विदेशों में भी महत्वपूर्ण संस्थानों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है. चाहे आंतरिक सुरक्षा हो, देश की सीमा सुरक्षा हो, वी०आई०पी० सुरक्षा, प्रतिष्ठित संस्थान, आपदा प्रबंधन या फिर कोई अन्य विशेष कार्य ये बल सभी जगह आगे रहता है.


भारत तिब्बत पुलिस बल का इतिहास रहा गौरवशाली


मुख्य अतिथि ने नवनियुक्त अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत तिब्बत पुलिस बल का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है. मुख्य अतिथि ने कहा कि बल को नव नियुक्त अधिकारियों से बहुत अपेक्षाएं है, इसलिए बल की परम्पराओं को आगे बढ़ाते हुए बल का नाम रोशन करना है. युवा अधिकारी के नाते बल की पुरानी परम्पराओं के निर्वहन के साथ-साथ बल में नये विचारों का भी समावेश करें, क्योंकि इस बल में बहुत सारे अवसर आपका इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपर्णा कुमार देश के लिए एक मिसाल है वो पहली महिला हैं जिन्होंने सबकॉन्टिनेंटल माउंटेन क्लाइंब को फतह कर एवरेस्ट में देश का झंडा फहराने का काम किया है वहीं महिला सशक्तिकरण का भी उदाहरण देते हुए आज देश की सेवा कर रही है जो देश के लिए गर्व की बात है.


महिलाएं को देश की सेवा में अहम योगदान


वहीं समारोह में मौजूद अपर्णा कुमार आईजी आईटीबीपी ने कहा कि आज मैं बहुत खुश है कि 13 जांबाज अधिकारी आइटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं. जिसमें से 3 महिला अधिकारी भी है. उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान महिलाओं पुरुषों के बराबर अपने शौर्य और जज्बे को प्रदर्शित करती हैं. आज देश में महिलाएं पुरुष के बराबर हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है और देश के साथ समाज की सेवा में अहम योगदान देने का काम कर रही है.


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