Mussoorie Weather: पहाड़ों की रानी मसूरी (Mussoorie) में तेज बारिश (Heavy Rain) से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. भारी बारिश के कारण स्थानीय लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मसूरी देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग (Mussoorie Dehradun National Highway) के 707 ए पर जेपी बैंड के नजदीक लैंडस्लाइड के कारण मार्ग काफी देर तक बाधित रहा, इससे सड़कों के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. 


भारी बारिश के कारण मसूरी में कई जगह प्राकृतिक नालों के बंद होने के कारण, बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया. इससे रोजाना इस्तेमाल की कई चीजें खराब हो गई, इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्य नाला बंद होने की ये समस्या लंढौर बुच्चड खाने क्षेत्र की है, प्राकृतिक नाला बंद हो जाने के कारण पानी ओवर फ्लो होकर बस्तियों में जाने लगा. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार क्षेत्रीय सभासद और प्रशासन से नालों को खुलवाने गुहार लगाई गई है, लेकिन बेपरवाह प्रशासन और नगर पालिका ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. बारिश का पानी घरों में जाने से परेशान लोगों ने जल्द से जल्द नालों को खुलवाने की प्रशासन से मांग की है.


डैंजर जोन चिन्हित कर किए जाएं सुरक्षा के इंतेजाम- स्थानीय निवासी


स्थानीय लोगों को मुताबिक मसूरी देहरादून मार्ग पर प्रशासन और नगर पालिका गलोगी पावर हाउस के पास भूस्खलन जोन बना हुआ है, बारिश के मौसम में यहां लगातार पहाड़ी के टुकड़े गिरते हैं.  जिससे हमेशा बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है. लोगों ने प्रशासन से मांग की लैंडस्लाइड वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर सुरक्षा के इंतेजाम किए जाएं. 


नालों के बंद होने की सभासद ने बताई ये वजह


इस संबंध में नगर पालिका की सभासद जसबीर कौर ने बताया कि उनके वार्ड में कई जगह नालों में जल निगम द्वारा पेयजल की पाइपों बिछा दी गई है, जिसकी वजह से नाले बंद हो गए हैं. ऐसे में बारिश का पानी नाले की बजाय पानी सड़को से बह कर लोगों की घरों में जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 


भारी बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन जारि किया अलर्ट


बता दें मौसम विभाग द्वारा अगले 48 घंटे में में मसूरी और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसी भी आपदा से तत्काल प्रभाव से निपटा जा सके और पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके.


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