(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mussoorie News: मसूरी में चार दिवसीय फूड फेस्टिवल का आगाज, जानें- इसबार क्या हो रहा है खास?
Uttarakhand News: फेस्टिवल में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय कलाकार प्रदेश की संस्कृति और कला से रूबरू करा रहे है. साथ ही फूड फेस्टिवल के दौरान विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता भी आयोजित हो रही है.
Mussoorie News: उत्तराखंड के पारंपरिक पकवानों को बढ़ावा देने के लिए मसूरी में चार दिवसीय फूड फेस्टिवल का आगाज हो गया है. चार दिवसीय इस फेस्टिवल पर मसूरी आने वाले पर्यटक पहाड़ी पकवानों का आनंद लें रहे है. मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल के तहत कराये जा रहे चार दिवसीय फूड फेस्टिवल का मसूरी बीजेपी मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल और एसडीएम मसूरी शैलेन्द्र सिंह नेगी द्वारा संयुक्त रूप से रिबन काटकर किया गया.
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से पहाड़ों की रानी मसूरी में 27 से 30 दिसंबर तक फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. माल रोड पर आयोजित हो रहे फूड फेस्टिवल में पर्यटक उत्तराखंड के पहाड़ी पकवान का लुत्फ उठा रहे है. फेस्टिवल में उत्तराखंडी लोक नृत्य, लाइव बैंड और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करने के साथ बच्चों के लिए विभिन्न खेल गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है.
फेस्टिवल में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकार प्रदेश की संस्कृति और कला से रूबरू करा रहे है. इसके साथ ही फूड फेस्टिवल के दौरान विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता भी आयोजित कराई जा रही है और विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा. पहले दिन फूड फेस्टिवल दौरान पर्यटकों ने जमकर पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया. इस दौरान विभिन्न व्यंजनों औऱ मिठाइयों का स्वाद चखने को लोगों का तांता लगा रहा.
फूड फेस्टिवल को लेकर यह है तैयारियां
मसूरी बीजेपी मंडल के अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति में यहां के व्यंजन और उत्पाद रचे बसे हैं. जो लोगों को हमेशा से ही अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार का प्रयास है कि यहां आने वाले पर्यटक उत्तराखंड के पकवानों का आनंद लें. दूसरे क्षेत्रों से आने वाले पर्यटक स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेना पसंद कर रहे है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और व्यंजनों कार्निवल के माध्यम से प्रदर्शित कर उसका प्रचार प्रसार करने का प्रयास अच्छा है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की बोली भाषा के साथ प्रदेश में उगने वाली सामग्री से तैयार किये गए व्यंजनों को देश विदेश में प्रकाशित और प्रसारित करना है. जिससे प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को रोजगार का साधन मिल सके. पहाड़ से पलायन पर भी रोक लगाई जा सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों के बाद अब प्रदेश की संस्कृति के साथ व्यंजनों की धूम अन्य प्रदेशों और विदेशों में भी देखी जा रही है.
एसडीएम मसूरी शैलेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि मसूरी फूड फेस्टिवल के तहत उत्तराखंड के पहाडी व्यजनों को प्रर्दशित किया जा रहा है. वह स्टाल में उत्तराखंड की संस्कृति को प्रदर्शित कर प्रदेश के उत्पादों से तैयार किये गए स्वादिष्ठ व्यजनों का परोसने का काम किया जा रहा है. उन्होने कहा कि नए साल को देखते हुए मसूरी में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने लगा है. ऐसे में देश-विदेश से आने वाले पर्यटक मसूरी में आयोजित होने वाले फूड फेस्टिवल में पहाड़ी पकवान का आनंद ले सकते हैं. पर्यटन विभाग की ओर से इसके लिए खास तैयारी की गई है. फेस्टिवल में पहाड़ी व्यंजन के स्टाल लगाए गए है.
फूड फेस्टिवल में उत्तराखंड के गढवाल और कुमाइनी व्यंजन जैसे फूड धूमरू पल्लर, अल्मोड़ा की बाल मिठाई, मंडुवा व जौ की रोटी, कुलथ की दाल, कद्दू का रायता, तिल की चटनी, झंगोरे की खीर, मीठा भात, गुलगुला, तुअर दाल, झंगोरा व कंडाली का साग आदि व्यजनों को खाकर देश विदेश के पर्यटकों ने इसका स्वाद चखा. फेस्टिवल में उत्तराखंडी लोक नृत्य, लाइव बैंड और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका स्थानीय लोगों के साथ देष विदेष से मसूरी पहुंचे पर्यटक आनंद ले रहे है.
उत्तराखंड फूड फेस्टिवल में भाग लेते हुए गढ़वाल सभा की महिलाओं ने कहा कि उनके द्वारा फूड फेस्टिवल में कई उत्तराखंड के खासकर पहाड़ में मिलने और परोसे जाने वाले व्यंजन तैयार किए गए हैं. जिनको देश विदेश के पर्यटक काफी पसंद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आयोजित फूड फेस्टिवल अच्छा प्रयास है. परन्तु प्रदेश के व्यंजनों और संस्कृति को बढावा देने के लिये इस तरह के फेस्टिवल अन्य राज्यों के साथ विदेशों में भी आयोजित किये जाने चाहिए.
उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि पिछले 10 सालों से मसूरी फूड फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है, जिसके तहत उत्तराखंड के पहाडी क्षेत्रों के उत्पादों से तैयार होने वाले व्यंजनों को पर्यटकों को परोसा जा रहा है. जिससे प्रदेश के उत्पाद और व्यंजनों की खपत लगातार बढ़ रही है. वह देश के साथ विदेश के होटलों में पहाड़ी व्यंजनों को परोसा जा रहा है, जिससे उत्तराखंड में होने वाले पलायन को रोकने में काफी हद तक मदद मिल रही है.
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