Mussoorie: पेयजल लाइनें डालने के बाद नहीं हुई सड़कों की मरम्मत, भारी परेशानियों से जूझ रहे लोगों में बढ़ती जा रही नाराजगी
मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत मसूरी माल रोड सहित मसूरी नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत पेयजल लाइनों को डालने के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं हो पाई है. लोगों को हो रही भारी परेशानी.
Uttarakhand: उत्तराखंड में पहाड़ों की रानी मसूरी का पर्यटन सीजन शुरू होने को है. ऐसे में 144 करोड़ रुपए की लागत से मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत मसूरी माल रोड सहित मसूरी नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत पेयजल लाइनों को डालने के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं हो पाई है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
एक हफ्ते में टूटने लगी सड़क
मसूरी का निरीक्षण करने के बाद मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू द्वारा संबंधित विभागों को निर्देश देने के बाद क्षतिग्रस्त माल रोड सड़क को ठीक तो कर दिया गया लेकिन कार्य की गुणवत्ता इतनी खराब है कि एक हफ्ते में ही सड़कें टूटकर खराब होने लगी हैं. सड़कों पर जमा बजरी से दुपहिया वाहन फिसल रहे हैं और लोग घायल हो रहे हैं. जल निगम विभाग के अधिकारी आंख बंद करके बैठे हुए हैं.
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लोगों में भारी आक्रोश
मसूरी गांधी चौक से मॉडर्न स्कूल रोड भी पिछले दिसंबर से पेयजल लाइन डालने के बाद क्षतिग्रस्त हालत में छोड़ दिया गया है. ऐसे में इस सडक से 5 स्कूलों के बच्चे रोज आते जाते हैं वहीं कई बच्चे दोपहिया वाहन से भी आते हैं जो अक्सर फिसलकर चोटिल हो रहे हैं. कई बार जल निगम के अधिकारियों को कहने के बाद भी इस सड़क को बनाने की कार्यवाही नहीं की गई है जिससे लोगों में भारी आक्रोश है.
एसडीएम ने क्या कहा
एसडीएम मसूरी नरेश दुर्गापाल द्वारा खुद सड़कों का निरीक्षण किया गया है. वहीं जल निगम के अधिकारियों को तत्काल सड़कों को ठीक करने के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर सड़क निर्माण में किसी प्रकार की लापरवाही बरती गई तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
कोई ध्यान नहीं दे रहा
मसूरी मोतीलाल नेहरू मार्ग पिछले दिसंबर में पेयजल लाइन डालने के बाद उसी हालत में छोड़ दिया गया है. इसके निर्माण को लेकर प्रशासन और जल निगम के अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं हैं. कई क्षेत्रों में जल निगम द्वारा प्राइवेट जगहों पर बिना भूस्वामी की अनुमति के पेयजल की लाइनें डाल दी गई है जिसको लेकर लोगों में भारी आक्रोश है. लोगों ने इसकी शिकायत जल निगम, एसडीएम और सीएम पोर्टल में भी की है लेकिन दुर्भाग्यवश इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है. इसपर यहां के क्षेत्रिय विधायक कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं.
मंत्री ने क्या कहा
मंत्री ने कहा कि, अगर इसी तरह बेपरवाह तरीके से जल निगम काम करता है तो उसका खामियाजा आने वाले समय में मसूरी की जनता के साथ यहां के पर्यटन व्यवसाय को भी भुगतना पड़ेगा. उन्होंने उच्च अधिकारियों से जल निगम के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि जबतक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो अधिकारी ठीक से काम नहीं करते हैं. उन्होने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मसूरी यमुना पेयजल योजना के तहत हो रहे कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की है.