Gangster Sanjeev Jeeva Biography: पश्चिम उत्तर प्रदेश का कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ़ जीवा की कोर्ट परिसर पुलिस कस्टडी के दौरान उस समय अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी जब उसे ब्रह्मदत्त द्रिवेदी हत्याकांड के मामले में तारीख पर कोर्ट में लाया गया था. संजीव जीवा मूलरूप से शामली जनपद के गांव आदमपुर का रहने वाला था. संजीव जीवा एक ऐसा अपराधी था जिसके नाम से पश्चिमी यूपी के लोग थर्राते थे. एक साधारण की डेयरी चलाने वाले का बेटा देखते ही देखते अपराध की दुनिया का बादशाह बन गया. 


संजीव जीवा के पिता ओमप्रकश महेश्वरी गांव छोड़कर वर्ष 1986 में मुज़फ्फरनगर आ बसे और शहर कोतवाली क्षेत्र के प्रेमपुरी में पशु दुग्ध डेयरी का व्यवसाय शुरू कर दिया. सजीव जीवा भी इंटर की पढाई पूरी कर अपने पिता के साथ डेयरी पर पिता का हाथ बंटाने लगा. साल 1995 में पहली बार मुज़फ्फरनगर के थाना सिविल लाइन में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 का मुकदमा दर्ज किया हुआ था. जिसके बाद संजीव जीवा अपराध की काली दुनिया में घुसता चला गया. लूट ,चोरी ,अपहरण ,हत्या ,फिरौती के साथ साथ व्यापारियों से रंगदारी वसूलने का कारोबार के साथ साथ विवादित संपत्तियों का मालिक बन बैठा और अरबों की बेनामी संपत्ति अर्जित की. 


संजीव महेश्वरी ऐसे बना 'जीवा' 
संजीव महेश्वरी 90 के दशक के सुपर स्टार संजय दत्त का बड़ा फैन था. संजय दत्त की 'जीवा' फिल्म के बाद संजीव महेश्वरी ने अपने नाम के साथ भी जीवा जोड़ लिया. संजीव जीवा के पिता ओमप्रकाश महेश्वरी ने दो शादी की थी. उनकी पहले पत्नी से दो बेटिया थी निशा और सुनीता थीं, पहली पत्नी की मौत के बाद ओमप्रकाश महेश्वरी ने दूसरी शादी कर ली जिसे उनको दो बेटे संजीव महेश्वरी और राजीव के आलावा दो बेटियां पूनम और अनीता है. संजीव जीवा ने पिता की मौत के बाद शहर कोतवाली क्षेत्र के प्रेमपुरी स्थित अपने लगभग 300 गज के मकान को 25 साल पहले सुबोध त्यागी को बेच दिया था.


ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के बाद सुर्खियों में आया


संजीव जीवा की पत्नी पायल महेश्वरी ने वर्ष 2017 में मुज़फ्फरनगर सदर विधान सभा से भाजपा के कपिलदेव अग्रवाल के सामने रालोद की सिंंबल पर चुनाव लड़ा, जिसमें बीजेपी के कपिलदेव अग्रवाल ने उन्हें भारी मतों से हरा दिया था. सजीव जीवा पूर्व विधुत मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की फैजाबाद में हत्या कर इस हत्याकांड के बाद चर्चाओं में आया था ओर तभी से जेल मे बंद है. इस राजनेता की हत्या के बाद यूपी मे काफी बवाल भी मचा था तब लोगों को पता लगा था कि आरोपी सजीव माहेश्वरी उर्फ़ संजीव जीवा मुज़फ्फरनगर का निवासी है. 


सौतेली बहन ने बताई ये बात


संजीव जीवा की मुज़फ्फरनगर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के महावीर चौक पर स्तिथ 3 मंजिला अवैध कॉम्प्लेक्स पर 8 मई 2022 को जिला प्रशासन ने 4 करोड़ की अवैध संपत्ति पर सीलिंग की कार्रवाई की थी. नई मंडी पटेलनगर में रहने वाली संजीव जीवा की सौतेली बहन 60 वर्षीय निशा ने बताया की वो शादी के बाद से अपने परिवार के साथ रहती है. करीब 20 सालों से उसता संजीव जीवा से कोई संबंध नहीं रहा है. बचपन में हम सभी भाई बहन एक साथ खेलते थे. 2017 के चुनाव में उसकी पत्नी जरूर हमारे घर वोट मांगने आई थी, लेकिन वो कभी संजीव जीवा से नहीं मिली. 


हत्या, लूट अपहरण के कई मामले दर्ज


संजीव जीवा की हत्या के मामले में निशा का कहना है की जो हुआ वो सही है, लेकिन कानून उसे जो सजा देता मंजूर था चाहे फांसी होती या उम्र कैद, लेकिन इस तरह कोर्ट में हत्या कर देना ठीक नहीं है. कुख़्यात अपराधी संजीव जीवा की पत्नी का पिछला कोई राजनैतिक इतिहास नहीं हैं लेकिन 2017 का विधानसभा चुनाव हरने के बाद वो कभी मीडिया के सामने नहीं आई. संजीव जीवा के खिलाफ हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती और हत्या समेत एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं. अपराध की दुनिया में उसके नाम की तूती बोलती थी. 


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