Kisan Mahapanchayat: आर-पार की होगी लड़ाई, किसान महापंचायत में तय होगी किसान आंदोलन की दिशा
Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat: मुजफ्फरनगर में महापंचायत से किसान आंदोलन की दिशा और दशा तय हो जाएगी. किसानों का दावा है कि, ये महापंचायत ऐतिहासिक होगी और हम आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं.
Kisan Mahapanchayat in Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होने वाली महापंचायत (Mahapanchayat) में किसानों के पहुचने का सिलसिला लगातार जारी है. सभा स्थल पर पहुंच रहे किसानों का कहना है कि, अब लड़ाई आर-पार की होगी या तो सरकार कृषि कानून (Farms Law) वापस लेगी या फिर किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे. पंचायत में शामिल होने के लिए पहुंच रहे किसानों से एबीपी गंगा ने खास बातचीत कर यह जानने की कोशिश की कि, आखिरकार इस महापंचायत के जरिए जो निर्णय लिया जाएगा उसे वह किस तरह से देखते हैं.
किस दिशा में जाएगा आंदोलन
महापंचायत में शामिल होने के लिए किसान लगातार सभा स्थल पर पहुंच रहे हैं, उनके ठहरने और खानपान की पूरी व्यवस्था की गई है. वहीं, किसानों का कहना है कि, इस महापंचायत के जरिए अब यह तय होगा कि, आखिरकार किसानों का आंदोलन किस दिशा में जाएगा.
सरकार को दी चेतावनी
किसानों ने एबीपी गंगा से बातचीत के दौरान कहा कि, सरकार जब तक अपने तीनों कानून वापस नहीं लेती है, तब तक किसान धरने से हटने वाले नहीं हैं. चाहे उन्हें 2024 तक बैठना पड़े या फिर 26 तक. क्योंकि अब सरकार को सोचना है कि, किसान आंदोलन समाप्त हो या नहीं और अगर सरकार ने किसानों की अनदेखी की तो उसका अंजाम सरकार को भुगतना पड़ेगा.
किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए दूरदराज व अन्य राज्यों से आ रहे किसानों का कहना है कि घर से सोच कर निकले है कि इस महापंचायत में कुछ निर्णय लेकर ही वापस आएंगे.
ऐतिहासिक होगी महापंचायत
किसानों का कहना है कि, ये महापंचायत ऐतिहासिक महापंचायत होगी और इस पंचायत के जरिए ही किसानों के आंदोलन की दशा और दिशा तय होगी. क्योंकि सरकार जिस तरह से किसानों की अनदेखी कर रही है, उसको लेकर किसान काफी ज्यादा आक्रोशित हैं और यही वजह है कि अब इस महापंचायत के जरिए कई अहम निर्णय लिए जाएंगे. जिसको लेकर किसान गांव-गांव और जन जन तक जाएगा, ताकि सरकार को यह बताया जा सके किसान अब चुप बैठने वाला नहीं हैं.
किसान महापंचायत में शामिल होने आए किसानों का कहना है कि, सरकार को नींद से जगाने के लिए किसानों की यह महापंचायत आयोजित की गई है और इसी महापंचायत में तय हो जाएगा कि, अगर सरकार किसानों की बात नहीं सुनती तो किसान आगे क्या कदम उठाएंगे.
आपको बता दें कि, इस महापंचायत में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, केरल, हिमाचल जैसे राज्यों से भी किसान पहुंच रहे हैं. किसान नेताओं की माने तो इस महापंचायत में करीब 7 से 8 लाख किसान शामिल होगा.
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