Sanjeev balyan Vs Sangeet Som: उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की हार पर पार्टी में मची कलह खत्म होने के नाम नहीं ले रही है. अब तो संजीव बालियान और बीजेपी नेता संगीत सोम खुलकर एक दूसरे के विरोध में बयानबाजी कर रहे हैं और ये लड़ाई अब लीगल नोटिस तक आ पहुंची है. 


बीजेपी नेता संगीत सोम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान पर गुड़गांव के रहने वाले संजीव सहरावत नाम के शख्स की मदद से ऑस्ट्रेलिया में जमीन खरीदने का आरोप लगाया था. जिस पर संजीव सहरावत ने उन्हें दस करोड़ की मानहानि का नोटिस भेज दिया है और लीगल कार्रवाई शुरू कर दी है. संगीत सोम और संजीव बालियान के बीच की तकरार नई नहीं हैं दोनों नेताओं में लंबे समय से तकरार चली आ रही है. 


संजीव बालियान और संगीत सोम की तकरार
मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान की हार के बाद संगीत सोम ने खुलकर कहा था कि बीजेपी को राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन को फायदा नहीं हुआ. जो सीटें हम जीत रहे थे वो भी हार गए. जयंत चौधरी मुजफ्फरनगर सीट तक जिता नहीं पाए, जिस पर संजीव बालियान ने पलटवार करते हुए कहा कि यहां सपा उम्मीदवार को समर्थन किया गया, शिखंडी ने छिपकर वार किया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग पार्टी में जयचंद की भूमिका में थे. 


इसके बाद संगीत सोम का भी बयान आया और उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में मिली हार की भी समीक्षा होनी चाहिए. वैसे मुझे सरधना विधानसभा की जिम्मेदारी मिली थी और वहां पर पार्टी प्रत्याशी को सही वोट मिले. सरधना में हार नहीं हुई है. बुढ़ाना, चरथावल विधानसभा में हार हुई है. उन्होंने हार जीत को चुनाव का हिस्सा बताया और कहा कि जब सरधना में उनकी हार हुई तो उन्होंने उसे स्वीकार किया था. 


पुरानी है दोनों नेताओं की अदावत
संगीत सोम और संजीव बालियान की अदावत 2022 यूपी विधानसभा सीट से चली आ रही है, जब बीजेपी के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को सरधना सीट से हार का सामना करना पड़ा था. कहा गया कि उनके समर्थन में जाट वोट नहीं पड़े, जिसकी वजह से वो हार गए. इसके बाद दोनों का विवाद खुलकर आ गया था. 


दोनों नेताओं के तनाव की नतीजा लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला. जब बीजेपी ने यहां दो बार से सांसद रहे संजीव बालियान को फिर मौका दिया. इंडिया गठबंधन की ओर से सपा नेता हरेंद्र मलिक मैदान में थे. इस चुनाव में संजीव बालियान को 4.46 लाख वोट मिले और हरेंद्र मलिक 24 हजार वोटों जीत गए. हालांकि यूपी में बीजेपी को सिर्फ मुजफ्फरनगर ही नहीं कई और सीटों पर भी नुकसान हुआ है. 2019 में 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार 33 सीटों पर ही सिमट गई. 


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