Muzaffarnagar Mahapanchayat: संजीव बालियान बोले- सरकार और किसानों के बीच खत्म हो 'युद्ध', खुले मन से हो बात
Muzaffarnagar Mahapanchayat: केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) ने कहा कि सरकार और किसानों (Farmers) के बीच जो युद्ध चल रहा है वो खत्म हो. खुले मन से बातचीत हो वो इसके पक्ष में हैं.
Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat: 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में होने वाली महापंचायत (Mahapanchayat) को लेकर एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) ने कहा कि दिल से चाहते हैं कि सरकार और किसानों (Farmers) के बीच जो युद्ध चल रहा है वो खत्म हो. किसानों और सरकार के बीच में खुले मन से बातचीत हो वो इसके पक्ष में हैं. एबीपी गंगा से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश में चुनाव है और इस चुनाव में कोई भी महापंचायत बीजेपी को नहीं हरा सकती. 2022 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनेगी.
बातचीत खुले मन से होनी चाहिए
संजीव बालियान ने कहा कि वो हमेशा से ही बातचीत के पक्ष में हैं लेकिन बातचीत खुले मन से होनी चाहिए. शर्तों के साथ नहीं. वो यही चाहते हैं कि किसानों और सरकार की बातचीत हो ताकि किसानों की जो भी बातें सही हों उसे सरकार माने और अवरोध समाप्त हो. ताकि, 2022 का चुनाव समाजवादी पार्टी, आरएलडी और बहुजन समाजवादी पार्टी लड़े ना कि किसान. महापंचायत में सियासी लोगों के शामिल होने पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों में ताकत रही नहीं कि वो महापंचायत और महासभा कर सकें इसलिए किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं.
सरकार हमेशा किसानों के पक्ष में है
एबीपी गंगा ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान से पूछा कि जब सरकार एमएसपी पर गारंटी देने को तैयार है तो फिर किसानों की एमएसपी पर कानून की मांग को सरकार क्यों नहीं मान रही है तो उन्होंने कहा कि शर्तों के साथ किसान सरकार से बात ना करें. खुले मन से बात करें, सरकार जरूर उनकी बात सुनेगी और जो भी उचित होगा वो निर्णय लेगी. सरकार हमेशा किसानों के पक्ष में है.
लोकतंत्र में कोई भी पंचायत कर सकता है
5 सितंबर को होने वाली महापंचायत में कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन को धार देने के लिए जो भी निर्णय होगा उसका 2022 के चुनाव पर क्या फर्क पड़ेगा, जब इस पर डॉ संजीव बालियान से बात की गई तो उन्होंने कहा हिंदुस्तान के लोकतंत्र में हर किसी को अधिकार है कि वो पंचायत कर सकता है. अपनी बात रख सकता है. किसान कर रहे हैं तो उन्हें करने दीजिए, विरोध अपनी जगह है.
मध्यस्थता की जरूरत नहीं
जब एबीपी गंगा ने संजीव बालियान से ये जानने की कोशिश की कि अगर सरकार से वार्तालाप करने के लिए किसानों का प्रतिनिधिमंडल उनके पास आए तो क्या वो सरकार और किसानों के बीच में मध्यस्थता कराने को तैयार हैं. इस पर उन्होंने कहा कि हमें मध्यस्थता कराने की जरूरत नहीं है. सरकार ने खुद कमेटी बना रखी है. किसान नेतृत्व जब चाहे सरकार से सीधे बात करे, उसे किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है.
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