Uttar Pradesh: जमीयत उलेमा-ए-हिंद मुस्लिम समाज के मुद्दों को लेकर हमेशा से ही प्रखर रहा है. बीते दिनों हरद्वार में हुई हेट स्पीच को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्हों ने धर्म संसद के आयोजकों के खिलाफ अल्प्संख्यकों के खिलाफ हेट स्पीच देने के मामले में कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया.


मौलाना महमूद मदनी ने अपने इस पत्र में आगे कहा कि, “इस मामले में सरकार की चुप्पी देश के लिए बहुत हानिकारक है. इसलिए मैं मुस्लिमों के खिलाफ दिए गए हेट स्पीच में उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं." गुरुवार को धर्म संसद में दिए गए भड़काऊ बयानों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करायी गयी है. इस शिकायत के मिलने के बाद, पुलिस ने इस मामले में एक ज्ञात और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ़ आईपीसी की धारा 153 A (किसी धर्म, जाति, समुदाय या संप्रदाय अथवा किसी के धार्मिक भावनाओं पर कोई ऐसा कार्य समूहों द्वारा किया जाता है, जिससे लोक शांति में बाधा उत्पन्न होती है) के अंतर्गत मामला दर्ज़ कर लिया है.


धर्म संसद में एक सम्प्रदाय विशेष के संबंध में यह कहा गया 
गौरतलब हो इस धर्म सांसद का आयोजन उत्तराखंड के हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच आयोजित की गयी थी. इसका आयोजन जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि के जरिये किया गे था. इस धर्म संसद में बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय, स्वामी प्रबोधानंद, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मां अन्नपूर्णा, धर्मदास महाराज समेत कई साधु-संत जुटे थे. जहाँ इस में वक्‍ताओं ने कथित तौर पर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की पैरवी की और 'हिंदू राष्‍ट्र' के लिए संघर्ष का आह्वान किया. इस धर्म संसद से संबंधित कई विडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं. इन वीडियोज में अलग-अलग संतों और धर्मगुरुओं द्वारा धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, मुस्लिम प्रधानमंत्री न बनने देने, मुस्लिम आबादी न बढ़ने देने और कॉपी-किताब त्यागने जैसे बयान दिए गए हैं. 


न्यूज़18 में छपी एक खबर के मुताबिक हिंदू महासभा की जनरल सेक्रेटरी और निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा मां ने इस धर्म संसद में कहा कि अगर हमारे धर्म पर, हिंदुत्व पर खतरा मंडराएगा तो मैं कुछ भी नहीं सोचूंगी. भले ही मुझे गोडसे की तरह कलंकित क्यों ना कर दो. मगर मैं शस्त्र उठाऊंगी और मैं हिंदुत्व को बचाऊंगी. वह यही नन्हीं रुकी उनहोंने आगे कहा, "2029 में आप लोग मुसलमान प्रधानमंत्री नहीं होने देंगे, ऐसा आप लोग बचन बद्धता दें. उन्होंने कहा कि धर्म बचाना चाहते हो तो कॉपी-किताबों को रख दो और हाथ में शस्त्र उठा लो."


यति नरसिंहानंद ने कहा कि आर्थिक बहिष्कार से काम नहीं चलेगा. हिंदू समूहों को खुद को अपडेट करने की जरूरत है. तलवारों की बात भूल जाओ. लड़ाई बेहतर हथियार वाले लोग ही जीतेंगे. झूठी बातों में मत रहना. ज्यादा से ज्यादा बच्चे और अच्छे हथियार ही तुम्हें बचाने वाले हैं. सबको अपने घर परिवार खुद बचाने होंगे.


वहीं बिहार के धर्मदास महाराज वायरल विडियो में कह रहें हैं कि, कहा कि अगर मैं उस वक्त संसद में मौजूद होता, जब पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के राष्ट्रीय संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का सबसे पहला हक है तो मैं नाथूराम गोडसे का अनुसरण करता. मैं उनके सीने में छह बार रिवॉल्वर से गोली मार देता.


ख़बरों के मुताबिक इस धर्म संसद में शामिल वक्ता अपने आपको सत्तधारी पार्टी से जोड़ रहे हैं. आप को बता दे इस धर्म संसद में भी शामिल हुए थे. उन पर भी भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगाए जा रहे हैं. हालांकि अश्विनी का कहना है कि वो केवल तीस मिनट कार्यक्रम में रुके थे.


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