मुज़फ्फरनगर: भारतीय किसान यूनियन की दो फाड़ होने के बाद मुज़फ्फरनगर के गांव काकड़ा में बालियान खाप की ओर से प्रस्तावित किसान मजदूर पंचायत का आयोजन किया गया. किसान मजदुर पंचायत में विभिन्न खाप के चौधरियों और संगठनों के लोग भी शामिल हुए और सामाजिक कुरीतियों के साथ-साथ किसानों की समस्याओं को लेकर सभी खाप चौधरियों ने 8 प्रस्ताव पास किये. बालियान खाप की इस पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए मंच से यूपी सरकार और केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए एक बार फिर आंदोलन की धमकी दी. वंहीं बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत ने भी योगी सरकार पर हल्ला बोलते हुए कहा कि अगर गांव में बिजली नहीं मिली तो शहर की सप्लाई भी रोकी जाएगी और किसानों के खेत में खड़े बिजली के पोल उखाड़ दिए जायेंगे.


गांव में बिजली नहीं मिली तो शहर में भी सप्लाई नहीं होने देंगे- नरेश टिकैत
बता दें की रविवार दोपहर  को मुजफ्फरनगर के काकड़ा गांव में बालियान खाप की ओर से बुलाई गई किसान-मजदूर पंचायत में  पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों की विभिन्न खापों के चौधरी और बड़ी संख्या में किसानो ने हिस्सा लिया. भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने मंच से बोलते हुए कहा कि अगर गांव और किसानों को बिजली नहीं मिली तो शहर में भी बिजली सप्लाई नहीं होने देंगे.  बड़ी-बड़ी बिजली लाइनें किसानों के खेतों से होकर गुजर रही हैं.  किसान इन बिजली लाइनों को उखाड़ कर फेंक देंगे.  टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जानकारी नहीं है कि अधिकारी पर्दे के पीछे लूट कर रहे हैं. किसान और प्रदेश की जनता बेहाल है. 


पंचायत में 8 प्रस्तावों पर लगी मुहर


बता दें कि पंचायत में कुल आठ प्रस्तावों पर मुहर लगी. टिकैत ने कहा कि किसान संयुक्त किसान मोर्चा से जल्द से जल्द वार्ता शुरू की जाए. एमएसपी गारंटी कानून, बिजली, एनजीटी जैसे मुद्दों का समाधान किया जाए. किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाए. शहीद किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.बालियान खाप की पंचायत में मंच से बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा की यह सरकार तोड़फोड़ की राजनीति करती है यही सरकार उत्तर प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम करवाती है, यही सरकार हरियाणा में जाकर जाट और नॉन जाट के बीच राजनीति कराती है. यही सरकार गुजरात में जाकर पटेल और नॉन पटेल की राजनीति करती है और महाराष्ट्र में जाकर भी महाराष्ट्र और नॉन महाराष्ट्र की राजनीति करती है. आंदोलन के समय पंजाब का सिख समाज हमारे साथ जुड़ा लेकिन यही सरकार पंजाब में जाकर सिख और जाट के बीच राजनीति कराती है,  इस सरकार से हमें कड़ा मुकाबला करना पड़ेगा. सरकार किसानों को डराने का काम ना करें हम बातचीत करने को तैयार हैं. हम किसी एक राजनीतिक पार्टी के खिलाफ नहीं है बल्कि सरकार की पॉलिसी के खिलाफ हैं. मैं सरकार को यह बता देना चाहता हूं कि इस क्षेत्र को सरकार जितना दबाने का काम करेगी यह क्षेत्र उतना ही सामना करेगा. आप इसको चोट दोगे तो यह क्षेत्र हमला करेगा. सरकार कान खोल कर सुन ले आप किसी को भी दबा नहीं सकते हम सरकार से बातचीत करना चाहते हैं लेकिन यह हमारी कमजोरी नहीं है. हम उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से बातचीत करना चाहते हैं. आप किसानों के ट्यूबवेल और घरों पर जबरदस्ती मीटर नहीं लगा सकते. आपको मीटर लगाने से पहले पॉलिसी बतानी पड़ेगी. बहुत से प्रदेश में बिजली फ्री है दिल्ली में भी बिजली फ्री है.


सरकार किसानों से बात करें और पॉलिसी बताए

चौधरी राकेश टिकैत (राष्ट्रीय प्रवक्ता भारतीय किसान यूनियन) ने कहा कि आज इसलिए पंचायत का आयोजन किया गया है क्योंकि दिल्ली में जो 13 महीने आंदोलन चला उसमें जो सरकार ने वादे किए थे वह पूरे नहीं किए अभी तक. सरकार ने जो किसानों से तय किया था उस पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है. यहां पर गन्ने का भुगतान, किसानों के ट्यूबवेल और घरों पर दिल्ली के मीटर लगाए जा रहे हैं जबकि सरकार की कोई पॉलिसी नहीं है. सरकार किसानों से बात करें और उन्हें बताएं कि उनकी क्या पॉलिसी है. जिससे सरकार और किसानों के बीच सहमति बन सके. हम किसानों और सरकार के बीच सहमति बनेगी उस पर पूर्ण रूप से सहमत रहेंगे, लेकिन अगर सरकार बिना बातचीत करें पॉलिसी लेकर आएगी हम पूर्ण रूप से उसका विरोध करेंगे.


किसानों के ट्यूबेल पर लगाए जा रहे मीटर पूर्ण रूप से गलत


टिकैत ने आगे कहा कि जंगली जानवर है बहुत सारी गौशाला है सरकार पैसा भी दे रही है लेकिन वह पैसा जा कहां रहा है. बाहर से भूसा मंगाया जाता है लेकिन गौशाला तक नहीं पहुंच पाता. जो सामाजिक कार्य संगठन करता है यह खाप पंचायतें ही सामाजिक कार्य करती हैं. पर्यावरण कैसे बचेगा, वृक्ष लगाने का काम भी खाप पंचायतें करती हैं पंचायतें रक्तदान का भी कार्य करती हैं. पंचायतें कन्या भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा पर भी काम करती है. लड़कियों की एजुकेशन के लिए भी खाप पंचायतें कार्य करती हैं. सरकार को इन सभी कार्य में हमारा साथ देना चाहिए. किसानों के ट्यूबेल पर जो मीटर लगाए जा रहे हैं वह पूर्ण रूप से गलत हैं. एक तरफ सरकार कहती है कि किसानों को फ्री बिजली देंगे और दूसरी तरफ मीटर लगाए जा रहे हैं. मीटर में से बिजली कैसे फ्री आएगी सरकार यह फार्मूला हमें भी बता दे. बीजेपी की सरकार ही नहीं बल्कि हर सरकार की अपनी अलग-अलग पॉलिसी होती है और अगर कोई भी सरकार ललित पॉलिसी लेकर आएगी तो हम उसका विरोध करेंगे. हमने राजस्थान में भी विरोध किया है. हमने छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी विरोध किया. वहां पर तो बीजेपी की सरकार नहीं है लेकिन हमने विरोध किया है. इस बार जो आंदोलन होगा उसका रुख किस तरफ होगा यह किसी को पता नहीं है लेकिन आंदोलन जरूर होगा. 


किसानों के पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा
वहीं नरेश टिकैत (बालियान खाप के चौधरी) ने कहा कि  आज की पंचायत में समाज सुधार की बात की गई.  किसानों पर बिजली का बिल थोपा जा रहा है. किसानों की ट्यूबवेल और घरों पर जबरदस्ती बिजली के मीटर लगाए जा रहे हैं. गन्ने के भुगतान की समस्या है और इसी तरह किसानों की बहुत सारी समस्याओं को लेकर आज पंचायत का आयोजन किया गया. सरकार किसानों के साथ जो अनदेखी कर रही है इसलिए किसानों के सामने आंदोलन के अलावा और कोई रास्ता नहीं है.  सरकार इस क्षेत्र को नक्सलवाद की तरफ धकेल रही है लेकिन हम सरकार के इन मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे. सरकार ने भेड़ियों से दोस्ती कर रखी है जो समाज के खिलाफ चलेगा उसे भेड़िया ही कहा जाएगा. अगर किसानों के घर में अंधेरा रहेगा तो हम दूसरों के घर में रोशनी नहीं होने देंगे. किसानों के सामने समस्याओं का अंबार है सरकार को किसानों से बात करनी होगी वरना आंदोलन के अलावा और कोई रास्ता नहीं है किसानों के पास. 
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