Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में खेत की खुदाई के दौरान मिला तोप का गोला, मचा हड़कंप, जानिए क्या बता रहे हैं जानकार
UP News: यूपी के मुजफ्फरनगर के गोधना गांव में फरमान के खेतों को समतल करने का काम चल रहा था. सुबह के समय जब मजदूर फावड़े से मिट्टी उठा रहे थे तो फावड़ा लोहे नुमा गोले से टकरा गया.
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिल में एक खेत में शनिवार को खुदाई के दौरान तोप का गोला निकलने से सनसनी फैल गई. मामला पुरकाजी (Purquazi) नगर पंचायत क्षेत्र के गोधना (Godhana) गांव का है. यहां के रहने वाले फरमान नाम के शख्स के खेत में खुदाई के दौरान तोप का गोला निकल आया. जानकारी मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तोप के गोले को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा दिया है. माना जा रहा है कि तोप का गोला अंग्रेजी शासन काल का है. हालांकि, यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा.
बताया जा रहा है कि गोधना गांव में फरमान के खेतों को समतल करने का काम चल रहा था. सुबह के समय जब मजदूर फावड़े से मिट्टी उठा रहे थे तो फावड़ा लोहे नुमा गोले से टकरा गया. थोड़ी सी खुदाई के बाद तोप का गोला दिखाई देने लगा तो मजदूर खेत से भाग खड़े हुए. इसके बाद खेत मालिक ने डायल 112 पर कॉल करके मामले की सूचना पुलिस दी. जानकारी के बाद चौकी प्रभारी दलबल के साथ मौक पर पहुंचे और आलाधिकारियों को भी सूचना दी. इस बीच तोप का गोला मिलने की ख़बर के बाद मौके पर ग्रामीण जमा हो गए, जिन्हें पुलिस ने वहां से हटाकर मामले की जांच-पड़ताल शुरू की.
अंग्रेजी टुकड़ी पर किया था हिंदुस्तानी क्रांतिकारियों ने हमला
जानकारी के मुताबिक सन् 1857 की क्रांति में एक अंग्रेजी टुकड़ी पर हमला करके हिंदुस्तानी क्रांतिकारियों ने उनका गोला-बारूद लूट लिया था, जिसे इस क्षेत्र की जमीन में दबा दिया गया था. इसकी वजह से समय-समय पर इस क्षेत्र से कभी तोप के गोले तो कभी तोपें निकलती रहती हैं. इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए पुरकाजी नगर पंचायत के चैयरमैन जहीर फारूकी ने बताया की पुरकाजी ब्लॉक के हरिनगर और गोदना के जंगलों में फरमान के खेत से एक तोप का गोला मिला है.
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निकलती रहती हैं तोप के गोले-गोलियां
उन्होंने बताया कि इस तरह के तोप के गोले पहले भी क्षेत्र से मिले हैं और कई तोपें भी निकल चुकी हैं. सब लोग जानते हैं कि सन् 1857 की क्रांति में अंग्रेजों की एक टुकड़ी पर हमला करके हिंदुस्तान के क्रांतिकारियों ने उनका गोला-बारूद लूट लिया था. खादर का यह क्षेत्र पहले दलदल था, जहां पर लुटे गए गोला-बारूद को दबाया गया था. अब समय-समय पर किसान अपने खेतों से मिट्टी उठाते हैं या जमीन को चौड़ा करते हैं तो नीचे तोप के गोले-गोलियां और तोपें निकलना एक आम बात हो गई हैं.
तोप का गोला ब्लास्ट होने से कई लोगों की हुई थी मौत
जहीर फारूकी ने बताया कि 2 साल पहले एक तोप निकली थी. उससे तकरीबन 10 से 12 साल पहले तीन तोपें हरी नगर के जंगल से निकली थीं. इस दौरान तोप का बड़ा गोला निकला था, जिसे स्थानीय लोग लालच में आकर तोड़ रहे थे, तब ब्लास्ट हो गया था. उस हादसे में कई लोगों की जान गई थी. साथ ही मवेशी भी मर गए थे. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की अगर पुरातत्व विभाग और सरकारी मशीनरी जांच करें तो आज भी कई तोपें इस जमीन में दबी हुई हैं. शेरपुर में जहां पुलिस चौकी है, उसके पास में एक तोप टापू के रूप में थे, लोग वहां बैठा करते थे. वह अब धीरे-धीरे जमीन में चली गई है.
एसपी सिटी तोप के गोले को लेकर कही ये बात
इस मामले में मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय का कहना है कि थाना पुरकाजी क्षेत्र के गोधना गांव में किसी खेत से एक पुरानी धातु नुमा वस्तु मिली थी, जिसे लेकर लोगों का कहना था कि यह कोई पुरानी चीज है. इसकी बीडीएस टीम की ओर से भी जांच कराई गई. ऐसा कुछ नहीं निकला. विशेषज्ञ एजेंसी को भी जानकारी दी गई है. आगे की कार्रवाई विशेषज्ञ एजेंसी करेगी.
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