Chandra Shekhar In Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जनपद के पावटी गांव में दबंगई की मुनादी कराने के मामले में जहां पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुनादी कराने वाले और करने वाले दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया था तो वहीं बुधवार को गांव में पहुंचे भीम आर्मी संस्थापक चंद्र शेखर आजाद ने ऐसे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि स्वाभिमान से समझौता नहीं किया जायेगा और अगर किसी के दिमाग में गलतफहमी हो तो दूर कर ले. चंद्रशेखर ने कहा कि जब तक मैं जिन्दा हूं किसी को डरने की जरुरत नहीं है. हम भी जूते मारना जानते हैं. वही चंद्रशेखर ने चेतावनी के साथ ये भी कहा कि हमारी माता बहनों की तरफ अगर कोई आंख उठायेगा तो ऐसा ईलाज किया जायेगा जिसे लोग याद रखेंगे.
क्या था मामला
बता दें कि बीते 9 मई की देर शाम चरथावल थाना क्षेत्र स्थित पावटी गांव में कुख्यात बदमाश रहे विक्की त्यागी के पिता राजवीर सिंह ने गांव में दबंगई की मुनादी कराते हुए दलित समाज को चेतावनी दी थी की अगर दलित समाज का कोई भी उसके खेत में या फिर ट्यूबवेल पर गया तो उसपर 5 हजार रुपयों का जुर्माना लगाया जाएगा और 50 जूते मारने की सजा दी जायेगा. मुनादी के समय गांव के किसी व्यक्ति ने इसे अपने मोबाईल में कैद कर वायरल कर दिया था. इसका संज्ञान लेते हुए आलाधिकारियों के निर्देश पर तुरंत चरथावल पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर मुनादी कराने वाले राजवीर सिंह और मुनादी करने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
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मैंने पहली मुनादी सुनी है-चंद्रशेखर
आज अचानक गांव में पहुंचकर चंद्रशेखर आजाद ने इस मामले को तूल देते हुए राजनितिक रूप दे दिया. अपने बयान में चंद्रशेखर ने कहा है कि आप लोगों की याद राजनितिक लोगों को सिर्फ चुनाव के समय वोट के लिए आती है. आज तुम्हारा वोट खत्म हो जाये कोई तुम्हारी तरफ नहीं देखेगा. मैंने गुलाम भारत में तो सुना था कि मुनादी होती थी. आजाद भारत में मैंने अपने संघर्ष काल में यह पहली मुनादी सुनी है और इससे मुझे बहुत तकलीफ है. जब चुनाव खत्म हो जाता है इस तरह का व्यवहार दलितों के साथ होता है और बड़े पैमाने पर होता है. मैं यह सिर्फ बताने के लिए आया हूं कि पुलिस अपनी कार्यवाही कर रही है कि यह अन्याय और यह तुगलकी फरमान अब नहीं चलेंगे.
दहशत का माहौल खत्म हो-चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने कहा, हम अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे और मैं अपने समाज से यह बताने के लिए आया हूं. यह आजाद भारत है और यहां सबको बराबरी का अधिकार है. जो संविधान के खिलाफ जाएगा उसको अन्याय करने पर अन्याय सहना भी पड़ेगा और उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. अगर लड़ने की बात है तो हमारी आबादी इतनी है लेकिन हम लड़ना नहीं चाहते है. हम पढ़ लिखकर आगे बढ़ना चाहते हैं. दहशत का माहौल खत्म हो इसलिए मैं यहां आया हूं. मुझे आशा है कि मेरे आने के बाद यहां दहशत का माहौल खत्म होगा. मैं अधिकारियों से बात करूंगा. एसएसपी से बात करूंगा. जिस व्यक्ति ने यह किया है उसका यह पहला काम नहीं है. उसने पहले भी इस तरह के कई फरमान जारी किए हैं.
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