Rakesh Tikait News: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा (Hemant Biswas Sharma) के विवादित बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हेमंत बिस्वा को दूसरे राज्य में आकर भड़काने का काम नहीं करना चाहिए. वहीं मणिपुर (Manipur) में जातीय हिंसा पर कहा, जहां-जहां चुनाव होता है वहां-वहां बीजेपी (BJP) हिंसा का ट्रायल करती है, क्योंकि इसका सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को ही होता है. 


राकेश टिकैत ने इस दौरान बजरंग दल पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इन लोगों ने तो बजरंगबली को भी बदनाम कर दिया हैं. बजरंग तो भगवान का नाम है, लेकिन ये लोग इसको दंगे में और राजनीतिक लाभ के लिए लेकर जाएंगे. राकेश टिकैत ने अमृतपाल को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले तो सरकार ने सिख समाज को बदनाम करने के लिए अमृतपाल को खुली छूट दी फिर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 


हेमंत बिस्वा सरमा पर पलटवार


हेमंत बिस्वा सरमा ने कर्नाटक चुनाव में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो कर्नाटक पीएफआई की घाटी बन जाएगा. इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि बीजेपी वालों ने मुसलमानों को आज तक एक डला नहीं मारा है. यह आम जनता को तो लड़ाते फिर रहे हैं. इनके बच्चे विदेशों में पढ़ते है और यहां की जनता को भड़काने का काम कर रहे हैं. टिकैत ने कहा कि धार्मिक आजादी हम को संविधान में दी गई है. सब अपने धर्म के अनुसार कैसे-कैसे पूजा पाठ करनी है, सबका अपना मौलिक अधिकार है. हमें एक दूसरे के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए. 


मणिपुर हिंसा को लेकर कही ये बात


मणिपुर में चल रही जाति हिंसा पर बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि जहां-जहां चुनाव हो रहे हैं वहीं हिंसा होती है. ये ट्रायल करते हैं, वहां पर इनका पूरा फोकस इस पर रहता है कि वोट किस तरह मिलेगी. विकास पर इनका कोई फोकस नहीं है. एमएसपी पर काम करना चाहिए, नौकरी पर काम करना चाहिए, बेरोजगारी पर काम करें, जिन गरीबों के मकान गिर रहे हैं उन पर काम करें. सरकार बेहतर बनाने पर काम करें. बीजेपी को हिंसा कराने से फायदा होता है. वहीं अमृतपाल की गिरफ्तारी पर टिकैत ने कहा कि सिखों को बदनाम करने के लिए दो महीने तक उसे खुली छूट दी और फिर गिरफ्तार कर असम भेज दिया. 


बजरंग दल पर बैन को लेकर क्या बोले टिकैत


बजरंग दल को बैन करने की मांग पर राकेश टिकैत ने कहा कि बजरंग तो भगवान का नाम है. आप इसको दंगे में और राजनीतिक लाभ में इसको लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा कि बजरंग सेवाओं का नाम था. हनुमान जी और उनकी समर्पण की भावनाएं थीं. उनकी भावनाएं लाठी-डंडे और दंगे की नहीं थी. टिकैत ने कहा उनसे सेवा सीखनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने उसका रूप भी चेंज कर दिया. हनुमान जी का गुस्से वाला रूप दिखा दिया. हनुमान जी गुस्से वाले नहीं थे, रामचंद्र जी की सेवा करते थे.


टिकैत ने बजरंग दल पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने उनके हाथ में गदा देकर धुआं-धूं करने लग रहे हैं. बजरंगबली को भी बदनाम कर रहे हैं. वहीं बैन के सवाल पर टिकैत ने कहा कि बैन होने का हमें नहीं पता, ये राजनीतिक मुद्दा है. 


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