Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, कहा- 'किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो...'
Muzaffarnagar News: राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर में किसानों की कम संख्या को देखकर नाराज दिखे और कहा कि अगर यहां के किसान धरने में नहीं आ सकते हैं तो बता दें क्योंकि हरियाणा-पंजाब के किसान तैयार हैं.
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Rakesh Tikait News: किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जनपद में चल रहा भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) का धरना रात में भी बदस्तूर जारी रहा. कड़ाके की सर्दी में भी किसान झोपड़ियां बनाकर रात में धरना देते नजर आए, तो वहीं धरना स्थलपर किसानों के मनोरंजन के लिए शेर और शायरी के कलाकारों का भी इंतजाम किया गया है. रात में किसानों का हाल-चाल जानने के लिए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी पहुंचे, उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक ये धरना बदस्तूर जारी रहेगा.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरना कर रहे किसानों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. शनिवार को शुरू हुए इस धरने पर किसानों की भीड़ ना पहुंचने की वजह से राकेश टिकैत थोड़े नाराज भी दिखे. उन्होंने किसानों से कहा कि अगर इस धरने में यहां के किसान नहीं आ सकते हैं तो वो साफ-साफ बता दें कि क्योंकि हरियाणा और पंजाब से किसान यहां आने के लिए तैयार बैठे हैं.
राकेश टिकैत ने लगाया ये आरोप
राकेश टिकैत की मानें तो किसान रात को खेत में रहता है, रात को खेतों से पशुओं को भगाता है. दिल्ली में 750 किसान शहीद हो गए थे. हरियाणा, पंजाब के किसानों को मुआवजा दिया गया है. उत्तर प्रदेश के किसानों की क्या गलती जो दिल्ली में गए और शहीद हुए. यहां के भी 12-14 किसान हैं उन्हें भी मुआवजा चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर गन्ने का भाव बढ़ाने की बात दोहराई और कहा कि सरकार बैठकर बातचीत करें, सरकार बैठकर बातचीत नहीं करती अधिकारियों का काम नहीं है कि वे आए और हमें बहकाए. ये धरना उससे खत्म नहीं होंगा. लखीमपुर खीरी कांड में भी घायल किसानों को मुआवजा देने का झूठ बोला गया.
मांगे नहीं मानी तो चलता रहेगा धरना
राकेश टिकैत ने कहा कि यहां के अधिकारी जिले का काम कर सकते हैं लेकिन लखनऊ का कौन करेगा. अधिकारी बहकाने का काम करते हैं, यह पिछले 35 सालों से हमें बहका रहे हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के लीडर भी समय-समय पर आते रहेंगे. हम कल यहां रहेंगे परसों यहां से चले जाएंगे. 3 तारीख में यहां आएंगे उसके बाद फिर 7 तारीख में यहां आएंगे. धरना नहीं खत्म होगा. जब हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक ये धरना चलता रहेगा. टिकैत ने कहा कि जब हम हरियाणा में जाते हैं तो वहां के किसान कहते हैं कि उनके मुआवजा नहीं मिला है.
टिकैत ने कहा किसानों को धरने में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि या तो आ जाओ और नहीं आओगे तो बता दो क्योंकि हरियाणा और पंजाब का किसान तैयार बैठा है. वो धरना देंगे यहां आकर. यहां के लोग अगर धरने पर कम रहेंगे तो हरियाणा-पंजाब के लोग आ जाएंगे. ये धरना खत्म नहीं होगा जब तक उन किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा समस्याओं का समाधान नहीं होगा.
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