मुजफ्फरनगर दंगा: मायावती की मांग- BJP नेताओं की तरह विपक्षी पार्टी के भी वापस हों केस
बीएसपी की मुखिया मायावती ने भी सभी विपक्षी पार्टियों के लोगों पर राजनैतिक द्वेष के मुकदमे वापस लेने की मांग उठाई है.
लखनऊ: मुजफ्फरनगर दंगा मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने तीन विधायकों के खिलाफ मुकदमे वापस करने की याचिका दायर की है. सरकार के इस फैसले के बाद से यहां का सियासी तापमान चढ़ गया है. इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी सभी विपक्षी पार्टियों के लोगों पर राजनैतिक द्वेष के मुकदमे वापस लेने की मांग उठाई है.
मायावती ने शुक्रवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, ''यूपी में बीजेपी के लोगों के ऊपर 'राजनैतिक द्वेष' की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियों के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापिस होने चाहिए. बीएसपी की यह मांग.
यू.पी. में बीजेपी के लोगों के ऊपर ’’राजनैतिक द्वेष’’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियो के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापिस होने चाहिए। बी.एस.पी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) December 25, 2020
बता दें कि योगी सरकार ने अपने तीन विधायकों सहित अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की याचिका दायर की है. इसमें संगीत सोम, सुरेश राणा, कपिल देव अग्रवाल के अलावा हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची का भी नाम शामिल है. इन नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के अलावा सरकार प्रशासन से भिड़ने आदि का आरोप है. मुजफ्फरनगर के काउंसिल राजीव शर्मा ने बताया कि सभी भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की राज्य सरकार ने कोर्ट में याचिका दी है.
इन धाराओं में दर्ज हुआ था केस
7 सितंबर 2013 में नंगला मंदौड़ की महापंचायत के बाद इन नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. बीजेपी नेताओं पर भड़काऊ भाषण, धारा 144 का उल्लंघन, आगजनी और तोड़फोड़ की धाराओं में केस दर्ज किया गया था. मुजफ्फरनगर में सचिन और गौरव की हत्या के बाद यहां महापंचायत बुलाई गई थी.
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