मुजफ्फरनगर दंगा केस में पूर्व मंत्री संजीव बालियान समेत 19 पर आरोप तय, 30 जनवरी को अगली सुनवाई
Muzaffarnagar Riots: ये मामला पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़ा है जब 31 अगस्त 2013 को नगला मंदौड़ गांव में पंचायत हुई थी, जिसमें भड़काऊ भाषण दिए गए थे.
Muzaffarnagar Riots News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में साल 2013 में हुए दंगे मामले में जनपद की एमपी/एमएलए कोर्ट ने यूपी के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, VHP नेता साध्वी प्राची और डासना के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद समेत 19 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी.
ये मामला पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़ा है जब 31 अगस्त 2013 को नगला मंदौड़ गांव में एक पंचायत का आयोजन किया गया था. जिसमें इन नेताओं के द्वारा भड़काऊ भाषण दिए गए थे. ये मामला सामने आने के बाद पुलिस की ओर से कार्रवाई करते हुए 21 लोगों के विरुद्ध सिखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में आरोपियों पर दंगा भड़काने की धारा 153 ए, 353, 188 और 7 क्रिमिनल लॉ अमिटमेंट एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया था.
तभी से इस मामले की सुनवाई जनपद की एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी. शुक्रवार को कोर्ट ने इस मामले में 19 लोगों के विरुद्ध आरोप तय कर दिए है. जिसके बाद अब इस मामले पर अगली सुनवाई 30 जनवरी तय की है.
इन नेताओं पर आरोप तय
कोर्ट ने इस मामले में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान, पूर्व विधायक बीजेपी उमेश मलिक, सपा सांसद हरिंदर मलिक, सोनवीर सिंह, यशपाल पवार, स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व सांसद भारतेंदु, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, श्याम पाल चैयरमेन, बिट्टू सिखेड़ा और साध्वी प्राची को आरोपी बनाया है. जबकि वीरेंद्र प्रमुख का निधन हो चुका है और शिवकुमार की फाइल को अलग कर दिया गया है. इस तरह कुल 19 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय किए हैं.
बीजेपी अधिवक्ता श्यामबीर सिंह ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया है कि 2013 में नगला मंदौड़ में पंचायत हुई थी. उसके संबंध में एक मुकदमा लिखा गया था. आरोप तय होने के बाद इस मामले में अब गवाही के लिए 30 जनवरी 2025 की तारीख नियत कर दी गई है. चार्ज तभी बनता है जब सभी लोग उपस्थित होते हैं. शुक्रवार को सभी लोग कोर्ट में उपस्थित थे.
वकील ने कहा कि अब एविडेंस के लिए गवाही होनी है. जिन्होंने रिपोर्ट लिखी थी वो हैं और एक कंप्लेंड केस है. उनमें एडीएम साहब थे उनकी गवाही होनी है.
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