Muzaffarnagar News: लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर राकेश टिकैत और नरेश टिकैत आए आमने-सामने, जानिए कौन क्या चाहता है
केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों के शादी की उम्र 18 से 21 किए जाने का राकेश टिकैत ने समर्थन किया है. वहीं उनके बड़े भाई चौधरी नरेश टिकैत ने सरकार के इस निर्णय को गलत बताया है.
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Muzaffarnagar News: किसानों की राजधानी मुजफ्फरनगर के सिसोली में आयोजित मासिक पंचायत में एक साल बाद आज भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के साथ उनके छोटे भाई चौधरी राकेश टिकैत भी पहुंचे. उन्होंने किसानों को एकजुट रहने की सलाह देते हुए राजनीतिक दलों से पूछा कि चुनावी घोषणा पत्र में किसानों के लिए क्या रखा जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों के बालिग होने की उम्र 18 से 21 किये के प्रस्ताव का राकेश टिकैत ने समर्थन किया है.
नरेश टिकैत ने क्या कहा
वहीं उनके बड़े भाई और भारतीय किसान यूनियन के सुप्रीमो चौधरी नरेश टिकैत ने सरकार के इस निर्णय को गलत बताते हुए कहा है की केंद्र सरकार ने जो लड़कियों के बालिग होने की उम्र 18 से 21 की है ये बिलकुल गलत है. उन्होंने कहा कि हम सरकार के इस निर्णय का विरोध करेंगे क्योंकि ग्रामीण परिवेश में लड़कियों की जल्दी शादी कर दी जाती है. शादी के बाद लड़कियां चाहें तो आगे पढ़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि हर मां बाप चाहते हैं कि समय से लड़कियों की शादी हो जाए. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले पर जल्दी ही सर्वखाप के चौधरी इकठ्ठा होंगे और सरकार के इस निर्णय का विरोध करेंगे. जो हमारा सामाजिक रीती रिवाज है सरकार उस में कोई हस्तक्षेप ना करे.
किसान एकजुट रहें
मुजफ्फरनगर के सिसोली गांव में प्रतिमाह 17 तारीख को होने वाली किसान मासिक पंचायत में एक वर्ष बाद टिकैत बंधुओ ने एक साथ किसानों की समस्याओं पर विचार मंथन करते हुए किसानों के सभी दलों को एकजुट रहने की सलाह दी. भाकियू की मासिक पंचायत में चौ. राकेश टिकैत ने फसलों का दाम तय करने में ईमानदारी न बरते जाने का आरोप लगाया. उन्होंने राजनीतिक दलों पर सवाल दागा और कहा कि सभी दल बताएं कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने घोषणा पत्रों में किसानों के लिए क्या रखा है. वे बताएं कि वे किसानों के लिए क्या करने वाले हैं.
घोषणा पत्र में किसानों के लिए क्या
पंचायत में शुक्रवार को हजारों किसान भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के संबोधन पर किसान खुश नजर आए. राकेश टिकैत ने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं. सभी सियासी दल किसानों के हितैषी होने का दावा करते हैं. चुनावी तैयारी शुरू हो गई, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि उनके घोषणा पत्र में किसानों के लिए क्या व्यवस्था की जा रही है. सरकार में आने के बाद ऐसे राजनीतिक दलों का किसानों के प्रति क्या रवैया रहने वाला है. चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि खेती को सोची समझी साजिश के तहत धीरे-धीरे घाटे का सौदा बनाया जा रहा है. जिससे किसान बर्बाद हो जाए, उसकी जमीन बिकना शुरू हो जाए. जिसे औने-पौने दामों में कार्पोरेट खरीद लें.
विकास पर सबका बराबर हक
उन्होंने कहा कि युवा किसान अब जाग चुका है. किसान खेती में बेईमानी नहीं करता. लेकिन दिल्ली में किसानों की फसल का भाव तय करने वाली कलम बेईमान है. मासिक पंचायत के दौरान किसानों के बीच अपने संबोधन में राकेश टिकैत ने कहा कि जिला पंचायत में क्षेत्रवार भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विकास पर सबका बराबर का हक है. राजनीति से आमतौर से दूर रहने वाले भोले-भाले किसानों की क्या गलती है. उनके क्षेत्र में विकास जरूरी है. लेकिन इस मामले में भेदभाव किया जा रहा है. जिसका भाकियू कड़े शब्दों में विरोध करती है.
उन्होंने कहा कि इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने जिला प्रशासन को चेताया कि इस मामले में सुधार करे. राकेश टिकैत ने थानों में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए इस पर अंकुश लगाने को कहा और आंदोलन की चेतावनी दी. पंचायत में चौ. राकेश टिकैत का अंदाज नरम और गरम दोनों ही प्रकार का रहा. उन्होंने कहा कि वह देश में अलग-अलग राज्यों की सरकारों से बात करेंगे. जिसमें किसान हित के मुद्दे सर्वोपरी रहेंगे.
नशा छोड़ने की अपील
टिकैत ने कहा कि किसानों को राहत दिलाने के लिए राज्य सरकारों को हालात से अवगत कराया जाएगा. राकेश टिकैत ने कहा कि नशा किसी भी व्यक्ति की सेहत और उसके व्यवसाय दोनों के लिए नुकसानदेय है. उन्होंने कहा कि कुछ युवा गलत संगत में पड़कर नशे की लत पकड़ लेते हैं. जिससे उनका जीवन मुश्किल में पड़ जाता है. उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि नशा मुक्ति के लिए आंदोलन चलाएं. ताकि हमारा युवा इस बुरी लत से दूर रहे. उन्होंने कारपोरेट को टक्कर देने के लिए किसान उत्पादों के उपयोग पर जोर दिया.
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