Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में एक छात्र को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की सीट राउंड वन में अलॉट हुई थी लेकिन, समय पर फीस न जमा करने के चलते इस छात्र को एडमिशन नहीं मिल पाया. जिसके पीड़ित छात्र ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट ने उसकी मदद का पूरा भरोसा दिया है. 


मुजफ्फरनगर के खतौली में टिटोडा गांव के रहने वाले राजेंद्र के बेटे को अतुल कुमार को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की सीट मिली थी. अतुल ने समय पर अपने डॉक्यूमेंट तो जमा कर दिए लेकिन फीस सबमिट होने से पहले ही कॉलेज की वेबसाइट ऑटोमेटिक लॉग आउट हो गई, जिसकी वजह से उसका एडमिशन रुक गया.


सुप्रीम कोर्ट ने दिया मदद का भरोसा
अतुल ने इसके बाद कोर्ट की शरण ली. उसने पहले मद्रास हाई कोर्ट में केस फाइल किया लेकिन कोर्ट में तारीख नहीं मिलने के बाद वकील की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां पर 24 सितंबर को तारीख लगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित छात्र की पूरी मदद का भरोसा दिया है. इस मामले की अगली तारीख सोमवार 30 सितंबर तय की गई है.


अतुल कुमार गरीब दलित परिवार से है. उसके पिता राजेंद्र फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं. अतुल ने अपने भाइयों के साथ गांव में स्थित जीआर पब्लिक स्कूल से आठवीं की कक्षा पास करने के बाद हाई स्कूल गिरजानंद स्कूल खतौली और इंटर शिशु शिक्षा निकेतन से पास करने के बाद कानपुर गहलोत सुपर हंड्रेड इंस्टीट्यूट से तैयारी की हुई है. उसने बताया कि हम फीस का इंतज़ाम कर रहे थे. गांववालों से भी पैसे उधार लिए हैं. लेकिन तब तक फीस जमा करने की समय खत्म हो गया. 


अतुल ने कहा कि इस मामले में 24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी, हमने कोर्ट में अपनी बात रखी है. कोर्ट ने हमें पूरी मदद का भरोसा दिया है. 30 सितंबर को इस मामले में फिर से सुनवाई होगी. अमित के पिता दैनिक मजदूर हैं और टेलर का काम भी करते हैं. उसने कहा कि वो इंजीनियर बनना चाहता है. 


इनपुट- अभिषेक बेनीवाल