(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मुज़फ्फरनगर: वेतन ना मिलने पर नगर पालिका में सफाई कर्मचारियों का हंगामा, दी सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी
मुज़फ्फरनगर में दो वर्ष से वेतन नहीं मिलने पर नगरपालिका में सैकड़ों सफाई कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया साथ ही सामूहिक आत्मदाह करने की चैतावनी भी दी.
मुज़फ्फरनगर: नगरपालिका में सैकड़ों सफाई कर्मचारियों ने दो वर्ष से वेतन नहीं मिलने पर जमकर हंगामा करते हुए सामूहिक आत्मदाह करने की चैतावनी दी है. सफाई कर्मचारियों का आरोप है की वर्ष 2019 में उन्हें प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन अभियान के अंतर्गत शहर के मार्गो और चोराहों पर साफ़ सफाई के लिए रखा गया था. लेकिन आज तक उन्हें नगरपालिका की और से एक रुपया भी नहीं मिला.
दरअसल मामला मुज़फ्फरनगर नगरपालिका का है जंहा आज सुबह सैकड़ों सफाई कर्मचारियों ने स्वछ भारत मिशन के तहत काम करने के बाद दो वर्ष से वेतन नहीं मिलने पर जमकर हंगामा करते हुए वेतन देने की मांग की. सफाई कर्मचारियों का आरोप है की वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री स्वछ भारत मिशन के तहत एक कंपनी आर के कंट्रक्शन द्वारा 300 सफाई कर्मचारियों को साढ़े आठ हजार प्रतिमाह वेतन के हिसाब से काम पर रखा गया था.
डिवाइडर की साफ़ सफाई के लिए काम दिया गया
जिसमें प्रत्येक सफाई कर्मचारी से दिन में 4 घंटे काम पर रखा गया दो घंटे सुबह और दो घंटे शाम को शहर की सड़कों और चोराहों के आलावा डिवाइडर की साफ़ सफाई के लिए काम दिया गया. सभी कर्मचारियों ने स्वछ भारत मिशन को कामयाब करते हुए अपना अपना कार्य भी किया. लेकिन जब वेतन देने का समय आया तो कंपनी भाग गई. साथ ही नगरपालिका कंपनी भागने के हवाला देते हुए किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं कर रही है.
कर्मचारियों का कहना है कि, हम पिछले दो वर्ष से लगातार नगरपालिका से अपने वेतन की मांग कर रहे है लेकिन आज तक एक रुपया भी किसी कर्मचारी को नहीं मिला. आज स्थिती ये है की कर्मचारियों को खाने पीने की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बिजली का बिल भी जमा नहीं कर पा रहे है. अगर हमारा वेतन जल्दी नहीं मिला तो हम सभी नगरपालिका में सामूहिक आत्मदाह कर लेंगे.
एक कर्मचारी का कहना है कि, तीन वर्ष पहले हमें 8 हजार प्रतिमाह वेतन पर रखा गया था. लगभग 350 कर्मचारी रखे गए थे. 4 घण्टे काम पर रखा गया था जिसमें दो घण्टे सुबह और दो घंटे शाम को सड़क और डिवाइडर की साफ़ सफाई पर रखा गया था.
3 साल से सफाई कर्मचारियों को वेतन ही नहीं दिया गया- कर्मचारी
गौरव वाल्मीकि (सफाई कर्मचारी) का कहना है कि, हमें तीन वर्ष पहले नगरपालिका की और से एक आर के कंट्रक्शन कंपनी आई थी उस कंपनी ने 300 सफाई कर्मचारी रखे थे और तीन माह तक सभी कर्मचारियों से जमकर काम कराया. अब नगरपालिका के अधिकारी कहते है की कंपनी तो भाग गई. हम हर 15 दिनों में अधिकारियों से मिल रहे है लेकिन कोई अधिकारी ये नहीं बता रहा की हमारा वेतन कब मिलेगा. पिछले महीने अधिकारियो ने कहा था की बोर्ड बैठक में आपका वेतन वाला मामला पास हो जायेगा और 6 अगस्त को आपका वेतन मिल जायेगा. लेकिन आज तक हमें एक रुपया नहीं मिला. हमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत काम दिया गया था. प्रधानमंत्री जी सफाई कर्मचारियों के पैर धोते है लेकिन यंहा 3 साल से सफाई कर्मचारियों को वेतन ही नहीं दिया गया.
उन्होंने आगे कहा, लगभग एक करोड़ रूपये का वेतन हमारा रुका हुआ है. 16 हजार रूपये हमने सुरक्षा के नाम के भी दिए है. आज हम यंहा इस लिए आये है की हमें एक तारीख बता दे की हमारा वेतन कब मिलेगा. नहीं तो हम यंहा सामूहिक आत्मदाह करेंगे या फिर फांसी पर लटक जायेंगे.
श्री हेमराज (ईओ-नगरपालिका) 2019 में कोई कंपनी आई थी आर के कंट्रक्शन के नाम से उस कंपनी ने इन्हे रख लिया था इनसे काम भी करवाया लेकिन बाद में कंपनी भाग गई और इन्हें इनका पैसा नहीं दिया. लेकिन नगरपालिका का उस कंपनी से कोई एग्रीमेंट नहीं था और ना कोई कार्य आदेश दिया था इन कर्मचारियों से नगरपालिका का कोई एग्रीमेंट है जिसके कारन नगरपालिका इनका भुगतान नहीं कर पा रही है. लेकिन इनकी दिक्कतों और इनकी परेशानियों को देखते हुए इस मामले को जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा गया है. उस कंपनी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराइ गयी है.
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