Muzaffarnagar: गांव में जानलेवा बुखार का कहर, एक ही दिन में 3 की मौत, लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाया आरोप
UP News: लोगों का कहना है, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर मामूली जांच कर यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि किसी को डेंगू नहीं है जबकि प्राइवेट लैब में जांच कराने पर डेंगू के लक्षण आए थे.
![Muzaffarnagar: गांव में जानलेवा बुखार का कहर, एक ही दिन में 3 की मौत, लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाया आरोप Muzaffarnagar Uttar Pradesh 3 died of fever in village of Budhana Tehsil accused health department ANN Muzaffarnagar: गांव में जानलेवा बुखार का कहर, एक ही दिन में 3 की मौत, लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाया आरोप](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/02/2b33ca03ffa1ccf0a6ff0f4ff5965af71667382867932486_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जनपद की बुढ़ाना तहसील स्थित लूहसाना गांव में मंगलवार को एक महिला सहित तीन लोगों की जानलेवा बुखार से मौत होने के कारण हड़कंप मच गया. ग्रामीणों का आरोप था कि तीनों मौतें डेंगू (Dengue) के चलते हुई हैं जबकि जनपद के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जनपद में अभी तक एक भी मौत डेंगू से नहीं हुई है जबकि इसे लेकर ग्रामीणों में खासी नाराजगी है. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में बहुत से लोग बुखार से पीड़ित हैं जिसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग (Muzaffarnagar health department) को भी की गई थी. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुछ दिन पहले गांव में पहुंचकर मामूली जांच कर कह दिया था कि किसी को डेंगू नहीं है.
ग्रामीणों ने लगाया ये आरोप
बता दें कि बुढ़ाना तहसील के लूहसाना गांव में आज एक 30 वर्षीय महिला जूली पति प्रवेश, 50 वर्षीय व्यक्ति उमेश पुत्र वीरसेन और 55 वर्षीय निरंजन पुत्र राजाराम की जानलेवा का बुखार के चलते मौत हो गई थी. इसके चलते गांव वालों का आरोप है कि गांव में बहुत से लोग बुखार से पीड़ित हैं जिसकी सूचना स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को भी दी गई थी. स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने गांव में पहुंचकर ग्रामीणों की मामूली जांच कर यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया था कि किसी को डेंगू नहीं है जबकि प्राइवेट लैब में जांच कराने पर ग्रामीणों में डेंगू के लक्षण आए थे.
सीएमओ ने इसपर क्या कहा
इसे लेकर जब हमने जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ महावीर सिंह फौजदार से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि जनपद में इस समय 48 डेंगू के एक्टिव केस हैं लेकिन अभी तक किसी भी व्यक्ति की मौत डेंगू से नहीं हुई है. महावीर सिंह का कहना था की मौत की और भी वजह से होती है लेकिन लोग उसे डेंगू से जोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि, जैसे पोलियो की दवाई जिस दिन पिलाई जाती थी उस दिन अगर किसी बच्चे की मौत हो जाती थी तो उसे पोलियो से जोड़ दिया जाता था. अब हार्ट अटैक और लीवर फेल होने से भी जो डेथ हो रही है उसे भी डेंगू से जोड़ दिया जा रहा है, जबकि हमारे पास डेंगू से मरने की कोई भी नोटिफाइड जानकारी अभी तक नहीं है.
मृतक के परिजन ने क्या बताया
वहीं एक मृतक के परिजन सोनू सैनी का आरोप है कि आज मेरे गांव में डेंगू से 3 मौतें हुई हैं. मुझे 15 दिन पहले आश्वासन दिया गया था कि तुम्हारे गांव में कोई डेंगू नहीं है और मात्र 2 बार गांव में फागिंग हुई है, जो ग्राम प्रधान ने कराया है. पूर्व प्रधान ने अपने पास से सफाई कराई लेकिन बाहर से कोई मदद नहीं मिल रही है. गांव की स्थिति बहुत खराब है और इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है. मेरे गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम आई थी जिन्होंने एक पैरासिटामॉल की गोली और ओआरएस के पैकेट बांटे थे. मैं खुद डेंगू से पीड़ित हूं और मैंने एसडीएम से इसकी शिकायत की थी लेकिन इस बाबत उन्होंने भी सिर्फ आश्वासन दिया था.
बता दें कि डेंगू के चलते जनपद के जिला चिकित्सालय में एक अलग से वार्ड भी बनाया गया है जहां डेंगू के मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है. इस समय हालात यह हैं कि जनपद में डेंगू सहित अन्य जानलेवा बुखार के मरीजों की तादाद दिन पर दिन बढ़ती जा रही है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)