Muzaffarnagar school molestation case: रात में लड़कियों को स्कूल में रोकने के मामले में 5 टीमें बनीं, दबिश देकर संचालक अरेस्ट
मुजफ्फफरनगर के भोपा थाना क्षेत्र की 17 छात्राओं से छेड़छाड़ और धमकी दिए जाने के मामले में एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय के नेतृत्व में पुलिस टीम काम करेंगी. आरोपियों की तलाश में कई ठिकानों पर दबिश.
Muzaffarnagar School molestation: मुजफ्फफरनगर जिले के भोपा थाना क्षेत्र की 17 छात्राओं से छेड़छाड़ और धमकी दिए जाने के मामले में एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय के नेतृत्व में पुलिस टीम काम करेंगी. भोपा क्षेत्र के स्कूल पर दिनभर ताला लटका रहा, वहीं आरोपियों की तलाश में कई ठिकानों पर पुलिस ने दबिश दी, जिसके बाद पुलिस ने स्कूल संचालक को गिरफ्तार कर लिया.
स्कूल संचालक गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर जनपद में प्रयोगात्मक परीक्षा दिलाने के बहाने रात के समय स्कूल में रोककर 17 छात्राओं से छेड़छाड़ और धमकी दिए जाने के मामले में स्कूल संचालकों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं. एसपी सिटी विजयवर्गीय के नेतृत्व में पुलिस की टीमें काम करेंगी. एक स्कूल संचालक योगेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लखनऊ से अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस से मामले की जानकारी ली.
छापा मारा जा रहा
सीओ व सदर एएसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि पुरकाजी थाने की दो टीमें और सर्विलांस, क्राइम ब्रांच और स्वाट की टीमें आरोपियों की तलाश कर रही है. इसके अलावा सीओ सदर और विवेचक भी छानबीन कर रहे हैं. पुलिस टीमों ने आरोपी स्कूल संचालकों की तलाश में कई जगह छापा मारा.
गांव के लोग नाराज
एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि एक आरोपी योगेश को सोमवार शाम संबंधित धाराओं मे गिरफ्तार कर लिया गया है और जेल भेज दिया गया है. उसके बाद टीम स्कूल पर भी पहुंची, लेकिन वहां पर ताला लटका मिला. ग्रामीण क्षेत्र में इस प्रकरण को लेकर आक्रोश बन गया. लोगों के बीच नाराजगी का माहौल बना हुआ है.
भोपा थाना क्षेत्र के स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्राओं को प्रयोगात्मक परीक्षा दिलाने के बहाने पुरकाजी क्षेत्र के स्कूल में 18 नवंबर को लाया गया था. देर हो जाने की बात कहकर स्कूल संचालकों ने छात्राओं को रात के समय स्कूल में ही रोक लिया.
एसओ लाइन हाजिर
आरोप है कि स्कूल संचालकों ने खिचड़ी में नशीला पदार्थ मिलाकर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की. पुलिस ने प्रकरण में 17 दिन बाद रविवार को स्कूल संचालक अर्जुन सिंह और योगेश कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी. पुरकाजी विधायक के हस्तक्षेप के बाद एसएसपी अभिषेक यादव ने एसपी सिटी और एएसपी को जांच के लिए भेजा था और जांच के बाद एसओ पुरकाजी ने उचित कार्रवाई नहीं की, इसलिए पुलिस अधीक्षक के आदेश पर एसओ पुरकाजी को लाइन हाजिर कर दिया गया था.
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