Uttar Pradesh News: पूरे देश सहित यूपी में भी दशहरे (Dussehra 2022) की धूम है. इस बीच सांप्रदायिक एकता के भी कई मामले देखने को मिले. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जनपद में एक ऐसा भी मुस्लिम परिवार है जो पिछले 65 सालों से दशहरे के पुतले बनाने का काम करता आ रहा है. इस बार भी इस परिवार ने दशहरे के दिन दहन किए जाने वाले रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के विशालकाय पुतले बनाए हैं.
65 साल से कर रहे पुतले बनाने का काम
मुजफ्फरनगर के मोती महल में रहने वाले मुस्लिम शख्स रफीक अहमद का परिवार जनपद के साथ-साथ उत्तराखंड में भी पिछले 65 सालों से अपने पिता नियाजूद्दीन के समय से ही दशहरे के दिन दहन किए जाने वाले रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाने का काम करता रहा है. रफीक अहमद पेशे से गाड़ियों के इलेक्ट्रिशियन हैं लेकिन इसके साथ साथ वे पिता के इस काम को आज भी बादस्तूर करते आ रहे हैं.
रिमोट से किया जाएगा पुतलों का दहन
इस बार भी रफीक अहमद ने अपने परिवार और अन्य साथियों के साथ मिलकर जनपद के राजकीय इंटर कॉलेज में दशहरे के दिन दहन किए जाने वाले पुतलों में 60 फीट का पुतला रावण का और 50-50 फीट के मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाए हैं. बताया जा रहा है कि इस बार इन पुतलों का दहन रिमोट के द्वारा किया जाएगा.
क्या कहा रफीक अहमद ने इसपर
हिंदू पर्व पर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने वाले रफीक अहमद ने बताया कि, कुंभकरण, मेघनाथ और रावण के पुतले हम अपने पिता के समय से बनाते आ रहे हैं. लगभग 65 साल हो गए हैं. यह काम भी कुछ इस तरह का है जो धर्म से जुड़ा हुआ है इसलिए बहुत अच्छा लगता है. इस काम को करके ऐसा लगता है कि हिंदू मुस्लिम मिलकर दशहरे के त्यौहार के पुतले बना रहे हैं.
बचपन से करते आ रहे हैं ये काम
इसके अलावा मैं गाड़ी के इलेक्ट्रिशियन का काम करता हूं. इस काम के लिए मुझे 1 महीने के लिए छुट्टी करनी पड़ती है जिसके बाद हर वर्ष इसी तरह इन पुतलों को बनाता हूं. पापा के समय से ही मैं भी इस काम को बचपन से ही करता रहा हूं. यहां पर हमने 60 फीट का रावण और 50,50 फिट के मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाए हैं. यहां का काम पूरा करके हम अपनी दूसरी साइड जो उत्तराखंड के ऋषिकेश में हैं वहां चले जाते हैं और वहां पर भी हम दशहरे के पुतले बनाते हैं.