बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ एकजुट हुए सभी धर्मों के लोग, जनसभा में दिखी एकता की मिसाल
Firozabad: बांग्लादेश में हिंदु मंदिरों में तोड़फोड़ और अल्पसंख्यकों पर हो रहे है अत्याचार के विरोध में फिरोजाबाद में सभी धर्मों के लोग मंच एकजुट हुए और बांग्लादेश में हो रही हिंसा की निंदा की.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ देशभर गुस्सा है और इसके विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. राजनीतिक दलों के लोग इस की निंदा कर रहे हैं और भारत सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं. फिरोजाबाद के गांधी पार्क में मंगलवार को एक विशाल जनसभा का आयोजन कर बांग्लादेश में हो रही हिंसा का विरोध किया गया. इस सभा में हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, जैन,और सिख धर्म के प्रमुख वक्ताओं ने एक मंच साझा करते हुए अपनी-अपनी बात रखी. जनसभा का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और मंदिरों में तोड़फोड़ के खिलाफ आवाज उठाना था.
सभा में वक्ताओं ने इस मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए एकता और सहिष्णुता का संदेश दिया. सभा को संबोधित करते हुए हिंदू धर्म के प्रतिनिधि ने कहा कि, "बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह मानवाधिकारों का हनन है. हमें सभी धर्मों को मिलकर इस अन्याय के खिलाफ खड़ा होना होगा." मुस्लिम धर्मगुरु ने इस अवसर पर कहा, "इस्लाम अमन और भाईचारे का पैगाम देता है. जो भी अत्याचार हो रहा है, वह इस्लामी मूल्यों के खिलाफ है. हम इसके विरोध में एकजुट हैं."
"बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा"
बौद्ध धर्म के वक्ता ने शांति और करुणा का संदेश देते हुए कहा, "हमारे समाज का कर्तव्य है कि हम कमजोरों की मदद करें और अन्याय के खिलाफ खड़े हों और हम भी जय श्री राम के जयकारे बोलते हैं. जैन धर्म और सिख समुदाय के वक्ताओं ने भी अपने विचार रखते हुए बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा की. सभा में बड़ी संख्या में शहरवासियों ने हिस्सा लिया. सभी धर्मों के लोगों ने एकजुटता दिखाते हुए बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के समर्थन में आवाज बुलंद की. यह सभा धार्मिक सौहार्द और मानवता के प्रति जिम्मेदारी का एक सशक्त उदाहरण बन गई.
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